बैठी रहूँ कुन्जन के कोने, बैठी रहूँ कुन्जन के कोने, श्याम राधिका गाऊँ, मैं श्याम राधिका गाऊँ, किशोरी तेरे चरणन की रज पाऊँ, किशोरी तेरे चरणन की रज पाऊँ।
या रज को ब्रम्हादिक तरसत, या रज को ब्रम्हादिक तरसत, सौ रज शीश नवाऊ, सौ रज शीश नवाऊ, किशोरी तेरे चरणन की रज पाऊँ, किशोरी तेरे चरणन की रज पाऊँ।
व्यास स्वामिनी की छवि निरखूँ, व्यास स्वामिनी की छवि निरखूँ, विमल विमल जस गाऊँ, विमल विमल जस गाऊँ, किशोरी तेरे चरणन की रज पाऊँ, किशोरी तेरे चरणन की रज पाऊँ।
पद ~ किशोरी तेरे चरन की रज पाऊं || Shri indresh ji # Bhakti of krishna