क्या फूल चढ़ाऊं मैं

क्या फूल चढ़ाऊं मैं

क्या फूल चढ़ाऊं मैं,
प्रभु के चरणों में,
कहाँ कैसे क्या उपहार दू,
मैं समझ ना पाऊ,
मुझे बता दे प्यारे प्रभु,
क्या पसंद है मेरे प्रभु,
उसे तोड़ लाऊ तेरे लिए,
उसे चुन लाऊ तेरे लिए।

मेरा ये जीवन तुझको समर्पण,
करता हूँ प्रभु तेरे लिए,
उसे तोड़ लाऊ तेरे लिए,
उसे चुन लाऊ तेरे लिए।

रोटी और दाखरस,
प्रभु को अर्पण,
ग्रहण करले पावन बना दे,
उसे तोड़ लाऊ तेरे लिए,
उसे चुन लाऊ तेरे लिए।

थाली में फल फुल लाये हम,
प्रभु के चरणों में,
उसे तोड़ लाऊ तेरे लिए,
उसे चुन लाऊ तेरे लिए।

क्या फूल चढ़ाऊं मैं,
प्रभु के चरणों में,
कहाँ कैसे क्या उपहार दू,
मैं समझ ना पाऊ,
मुझे बता दे प्यारे प्रभु,
क्या पसंद है मेरे प्रभु,
उसे तोड़ लाऊ तेरे लिए,
उसे चुन लाऊ तेरे लिए।
 

Kya Phool Chadhau

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