भजन करो भक्तों हरि विष्णु का
भजन करो भक्तों हरि विष्णु का
एक हाथ में चक्र सुदर्शन, दूजे में गदा विराजे,
करे शेषनाग की सवारी, श्री सागर आसन लागे।।
पूजन करो भक्तों, हरि विष्णु का,
भजन करो भक्तों, हरि विष्णु का।।
(1)
विष्णु जी की पूजा होती, जिसके भवन में,
लक्ष्मी का वास होता, उसके आँगन में।
साँझ-सवेरे भोग, जो भी लगाए,
अन्न, धन, सब सुख, प्रभु जी से पाए।
हवन करो भक्तों, हरि विष्णु का,
पूजन करो भक्तों, हरि विष्णु का।।
(2)
विष्णु है रूप प्रभु, राम और श्याम के,
सृष्टि के मालिक यही, स्वामी चारों धाम के।
जब-जब भक्त पुकारे, प्रभु आए,
होलिका जलाए, प्रह्लाद को बचाए।
नमन करे अनु/पंकज, हरि विष्णु का,
पूजन करो भक्तों, हरि विष्णु का।।
करे शेषनाग की सवारी, श्री सागर आसन लागे।।
पूजन करो भक्तों, हरि विष्णु का,
भजन करो भक्तों, हरि विष्णु का।।
(1)
विष्णु जी की पूजा होती, जिसके भवन में,
लक्ष्मी का वास होता, उसके आँगन में।
साँझ-सवेरे भोग, जो भी लगाए,
अन्न, धन, सब सुख, प्रभु जी से पाए।
हवन करो भक्तों, हरि विष्णु का,
पूजन करो भक्तों, हरि विष्णु का।।
(2)
विष्णु है रूप प्रभु, राम और श्याम के,
सृष्टि के मालिक यही, स्वामी चारों धाम के।
जब-जब भक्त पुकारे, प्रभु आए,
होलिका जलाए, प्रह्लाद को बचाए।
नमन करे अनु/पंकज, हरि विष्णु का,
पूजन करो भक्तों, हरि विष्णु का।।
Bhajan Kar Hari Vishnu Ka