लिखे माँ चिट्ठियां तू सारे जग को भजन

लिखे माँ चिट्ठियां तू सारे जग को भजन

(मुखड़ा)
लिखे माँ चिट्ठियां तू सारे जग को,
पर मेरी ही मैया क्यों बारी ना आई,
नवरात्रे लौट के लो फिर आ गए,
पर कोई भी खबर तुम्हारी ना आई,
लिखे माँ चिट्ठियां तू सारे जग को।।

(अंतरा)
पहाड़ों में तू रहती है,
गुफाओं में तेरा डेरा,
मैं निर्धन हूँ, तू दाती है,
ध्यान कर ले तू माँ मेरा,
भटक ना जाऊं राहों में,
करो माँ दूर अंधेरा,
लिखे माँ चिट्ठियां तू सारे जग को।।

(अंतरा)
तू ही कमला, तू ही काली,
तू ही अम्बे माँ वरदानी,
तू ही माँ शारदे दुर्गा,
तू ही माँ शिव की पटरानी,
तेरे माँ रूप लाखों हैं,
करें तू सबकी रखवाली,
लिखे माँ चिट्ठियां तू सारे जग को।।

(अंतरा)
मेरी आंखों के दो आँसू,
नहीं तुझको नज़र आए,
खुली हैं इस कदर आंखें,
ना जाने कब माँ आ जाए,
करो ना माँ और देरी,
कहीं ये जान निकल जाए,
लिखे माँ चिट्ठियां तू सारे जग को।।

(अंतरा)
सहारे आपके मैया,
फलक के चाँद तारे हैं,
लगाया पार माँ सबको,
खड़े हम इस किनारे हैं,
तेरे बिन पाल ने मैया,
ये दिन रो रो गुजारे हैं,
लिखे माँ चिट्ठियां तू सारे जग को।।

(पुनरावृति)
लिखे माँ चिट्ठियां तू सारे जग को,
पर मेरी ही मैया क्यों बारी ना आई,
नवरात्रे लौट के लो फिर आ गए,
पर कोई भी खबर तुम्हारी ना आई,
लिखे माँ चिट्ठियां तू सारे जग को।।
 

लिखे माँ चिट्ठियां तू सारे जग को | नवरात्री 2018 में माता का एक प्यारा सा भजन by Vishal Mittal | HD
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