मेरे श्याम की महिमा को कोई जान ना पाया है लिरिक्स Mere Shyam Ki Mahima Lryics
मेरे श्याम की महिमा को कोई जान ना पाया है लिरिक्स Mere Shyam Ki Mahima Lryics
मेरे श्याम की महिमा को,कोई जान ना पाया है,
जिसने माना तुझको,
उसने अपनाया है।
वो नरसी भक्त तेरा,
टूटी गाड़ी लेके चला,
सवा सवा मण का तूने,
नानी का भात भरा,
गाड़ी हांके जिसने,
सारथी बनाया है,
जिसने माना तुझको,
उसने अपनाया है।
वो भक्त सुदामा था,
जिसके तू गले से मिला,
मुठिका चावल की ली,
झुपड़ा भी महल था बना,
तेरे ही चलाये चले घर,
जिसने बनाया है,
जिसने माना तुझको,
उसने अपनाया है।
वो राजमहल राजा,
वनवासी बन के चला,
सबरी के घर जाके,
उसका भी दास बना,
कविराज के भी घर आ,
उसने भी बुलाया है,
जिसने माना तुझको,
उसने अपनाया है।
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