मेरी लगी राम संग प्रीत लिरिक्स

मेरी लगी राम संग प्रीत Meri Lagi Ram Sang Preet Lyrics

मेरी लगी राम संग प्रीत,
ये दुनिया क्या जाने,
ये दुनिया क्या जाने,
इस प्रीत की,
इस प्रीत की क्या है रीत,
ये दुनिया क्या जाने,
ये दुनिया क्या जाने,
ये दुनिया क्या जाने,
क्या जाने कोई क्या जाने,
क्या जाने कोई क्या जाने,
इस प्रीत की क्या है रीत,
ये दुनिया क्या जाने,
ये दुनिया क्या जाने।

राम नाम का सुमिरन प्यारा,
धन्य हुआ है जीवन सारा,
बीती सारी रातें काली,
बन गई अब हर रात दिवाली,
मेरे मन में,
मेरे मन में जले सौ दीप,
ये दुनिया क्या जाने,
ये दुनिया क्या जाने,
मेरी लगी राम संग प्रीत,
ये दुनिया क्या जाने,
ये दुनिया क्या जाने।

भूल के जग का भूल भुलैया,
हो गया मैं तो राम रमैया,
जब से प्रभु संग प्रीत लगाई,
सारी दुनिया लगे पराई,
ये कैसी,
ये कैसी पागल प्रीत,
ये दुनिया क्या जाने,
मेरी लगी राम संग प्रीत,
ये दुनिया क्या जाने,
ये दुनिया क्या जाने,
मेरी लगी राम संग प्रीत,
ये दुनिया क्या जाने।

ऐसे है श्री रघुवर मेरे,
उनके नाम से पत्थर तैरे,
जिसके मनन में राम लल्ला हो,
उसको चिंता कैसे भला हो,
मैं तो गाऊं,
मैं तो गाऊं राम के गीत,
ये दुनिया क्या जाने,
मेरी लगी राम संग प्रीत,
ये दुनिया क्या जाने।

महिमा हनुमत खूब है गाई,
राम चरण है अति सुख दायी,
ना चाहू दूजी धन माया,
मैंने राम रतन धन पाया,
मैंने ली है,
मैंने ली है ये दुनिया जीत,
ये दुनिया क्या जाने,
ये दुनिया क्या जाने,
मेरी लगी राम संग प्रीत,
ये दुनिया क्या जाने,
ये दुनिया क्या जाने।

जैसे साँसे आये जाये जीव्हा,
राम की रटन लगाए,
मिट गयी सारी मन की पीड़ा,
बाजे बनकर मन मंजीरा,
मैंने सुन लिया,
ओ मैंने सुन लिया वो संगीत,
ये दुनिया क्या जाने,
ये दुनिया क्या जाने।

मेरी लगी राम संग प्रीत,
ये दुनिया क्या जाने,
क्या जाने कोई क्या जाने,
इस प्रीत की क्या है रीत,
ये दुनिया क्या जाने,
मेरी लगी राम संग प्रीत,
ये दुनिया क्या जाने।


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