जगमग जगमग ज्योति जगे आये नवराते मैया के

जगमग जगमग ज्योति जगे आये नवराते मैया के

जगमग जगमग ज्योति जगे
आये नवराते मैया के।
नवरातों में जगराते,
सब देव बहुत हर्षाते,
जगमग जगमग ज्योति जगे,
आये नवराते मैया के।।

मैया की मूरत प्यारी,
दरबार लगा है भारी,
महिमा माँ की अपरम्पार,
आये नवराते मैया के,
जगमग जगमग ज्योति जगे,
आये नवराते मैया के।।

भैरव, विष्णु, महेशा,
सबसे पहले है गणेशा,
आते मूषक पर हो सवार,
आये नवराते मैया के,
जगमग जगमग ज्योति जगे,
आये नवराते मैया के।।

दरबार में भोले साजे,
नंदी पर आये विराजे,
कंठ में नाग रहे फुँकार,
आये नवराते मैया के,
जगमग जगमग ज्योति जगे,
आये नवराते मैया के।।

राधा संग कृष्ण सुहाए,
वे बंसी बजाते आए,
मन को मोह रहे नंदकुमार,
आये नवराते मैया के,
जगमग जगमग ज्योति जगे,
आये नवराते मैया के।।

श्री राम की रटन लगाए,
वहाँ पवनपुत्र भी आए,
देखो कर सिंदूर श्रृंगार,
आये नवराते मैया के,
जगमग जगमग ज्योति जगे,
आये नवराते मैया के।।
जगमग जगमग ज्योति जगे

आये नवराते मैया के।
नवरातों में जगराते,
सब देव बहुत हर्षाते,
जगमग जगमग ज्योति जगे,
आये नवराते मैया के।।


Jag Mag Jag Mag Jyoti | जग मग जग मग ज्योति | Sangeeta | Mata Bhajan 2021 | Rathore Cassettes

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नवरात्रि का पावन पर्व माँ की ज्योति के जगमगाते प्रकाश से सारे संसार को आलोकित करता है, जहाँ भक्तों का हृदय माँ के दरबार में उनकी अपार महिमा और प्रेम में डूब जाता है। यह वह समय है जब माँ की मूरत की सुंदरता और उनके दरबार का भव्य वैभव भक्तों को अपनी ओर खींचता है। माँ की कृपा और शक्ति का यह उत्सव केवल भक्तों के लिए ही नहीं, बल्कि समस्त देवताओं के लिए भी हर्ष और उमंग का अवसर है। गणेश जी, भैरव, विष्णु, महेश, राधा-कृष्ण और हनुमान जी जैसे सभी देवी-देवता माँ के दरबार में उपस्थित होकर उनकी महिमा में सहभागी बनते हैं, जिससे माँ का यह पवित्र उत्सव और भी भव्य हो उठता है। यह भक्ति का वह स्वरूप है, जो माँ की ज्योति को हर हृदय में प्रज्वलित करता है और भक्तों को उनके प्रेम और शक्ति से जोड़ता है।

माँ के दरबार में हर देवता अपने अनूठे रूप और भक्ति के साथ उपस्थित होता है, जो भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक उत्साह का स्रोत बनता है। गणेश जी अपने मूषक पर सवार होकर, भोलेनाथ नंदी पर विराजमान होकर, कृष्ण अपनी बंसी की मधुर तान के साथ, और हनुमान जी राम भक्ति में लीन होकर माँ की महिमा को और बढ़ाते हैं। यह दृश्य केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि उस आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है, जो माँ की कृपा के नीचे सभी को एक सूत्र में बांधता है। भक्तों का मन इस जगराते में माँ की भक्ति और देवताओं के इस संगम से मोहित हो उठता है, और वह माँ के चरणों में अपनी सारी श्रद्धा और प्रेम अर्पित करता है। यह नवरात्रि का वह पवित्र समय है, जो हर भक्त के जीवन को माँ की ज्योति और उनके आशीर्वाद से संवार देता है।
 
Singer - Sagita
Album - Maiya Ka Bulawa
 
आध्यात्मिक दृष्टि से, नवरात्रि शक्ति के नौ रूपों की आराधना का पर्व है, जिसमें इच्छा शक्ति, क्रिया शक्ति और ज्ञान शक्ति की साधना की जाती है। यह समय आत्मशुद्धि, साधना, भक्ति और ध्यान के लिए सर्वोत्तम माना गया है। नवरात्रि के नौ दिन व्यक्ति को अपने अंदर की नकारात्मक प्रवृत्तियों—जैसे काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद और मत्सर—से मुक्ति पाने और आत्मिक बल बढ़ाने का अवसर देते हैं। इन दिनों की गई साधना से मन, शरीर और आत्मा शुद्ध होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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