डर की औक़ात नहीं, प्रेमी को डराये जो, न काल की हिम्मत है, सिर पे मँडराये जो, जब आँख दिखायेगा, डर ख़ुद डर जायेगा, डरना क्या अंधेरों से, तुझे राह दिखायेगा।
तेरी राह से चुन चुन कर, काँटे वो हटायेगा, फिर से उम्मीदों के, नव दीप जलायेगा, तेरी राह को साँवरिया, आसान बनायेगा, डरना क्या अंधेरों से, तुझे राह दिखायेगा।
तू श्याम निशान उठा, और आगे बढ़ता जा, चल श्याम भरोसे तू, तूफ़ानों से लड़ता जा, तेरा हाथ पकड़ मंज़िल, तक वो ले जायेगा, डरना क्या अंधेरों से, तुझे राह दिखायेगा।
मन मोहित कर ले वो, सपना है श्यामधणी, अपनों से भी ज़्यादा, अपना है श्यामधणी, तेरे सिर पे मोरछड़ी, आकर के घुमायेगा, डरना क्या अंधेरों से, तुझे राह दिखायेगा।
बेहद दर्द भरा भजन । रख हिम्मत आयेगा । Rakh Himmat Aayega । Khatu Shyam Ji । Mohit Sai Ji