ओ जब शिव बाबा मंडवा गईले, होला मंगलाचार हो, बाबा पंडित वेद विचारे, होला गुस्सा चार हो, बजरबाटी की लगी झालरी, नागिन की अधिकार हो, विज मंडवा में नावन अईली, करे झंगन वडियार हो।
ए गो नागिन गिले विदाई, नावन गई ले चले पराई, सब हसे लागेला, देवता ठठाय के, भभूति लगाये के, पालकी सजाय के।