श्याम तेरी लगन जो लगी

श्याम तेरी लगन जो लगी

श्याम तेरी लगन जो लगी,
तो अगन भी लगे बर्फ सी,
तेरी परछाई हम पे बिछी,
जो मिठाई पे हो बर्क सी,
श्याम तेरी लगन जो लगी,
तो अगन भी लगे बर्फ सी।

सब जगह से निकाले हुए,
तेरी महफ़िल में शामिल हुए,
सच कहे ऐसी कृपा हुई,
अब ज़माने के काबिल हुए,
है मिजाजी ये मौसम बुरा,
तू दवा मेरे हर मर्ज की,
श्याम तेरी लगन जो लगी,
तो अगन भी लगे बर्फ सी।

थे दशा से बेचारे कभी,
हर दिशा आज खुश रंग है,
भीड़ में भी थे तनहा बड़े,
अब कमी ना जो तू संग है,
जिन्दगी वो पढ़ाई हुई,
पाठ भी तू है तू शब्द भी,
श्याम तेरी लगन जो लगी,
तो अगन भी लगे बर्फ सी।।

आशावादी ये दरबार है,
हर निराशा गई हार है,
पापी को भी जो निर्मल करे,
श्याम तेरा वही प्यार है,
ढूंढा सारा जहां पर मिले,
तेरे बिन सारे खुदगर्ज़ ही,
श्याम तेरी लगन जो लगी,
तो अगन भी लगे बर्फ सी।

श्याम तेरी लगन जो लगी,
तो अगन भी लगे बर्फ सी,
तेरी परछाई हम पे बिछी,
जो मिठाई पे हो बर्क सी,
श्याम तेरी लगन जो लगी,
तो अगन भी लगे बर्फ सी।


एकादशी स्पेशल भजन | श्याम तेरी लगन लगी | Sanjay Mittal New Song | Saawariya

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