बीच भवर में नाव फसी है पकड़ो तुम पतवार

बीच भवर में नाव फसी है पकड़ो तुम पतवार

बीच भंवर में नाव फंसी है,
पकड़ो तुम पतवार,
ओ बाबा, पकड़ो तुम पतवार,
नैया हमारी तुम बिन,
उतरेगी कैसे पार,
नैया हमारी तुम बिन,
उतरेगी कैसे पार।।

तुम्हीं पे है विश्वास,
तुम्हीं से आस मेरी,
छाई घटा घनघोर, दिखे ना छोर,
अटक गई सांस मेरी,
तूफानों में दीप जलाए,
कब से खड़ा मंझधार,
ओ बाबा, कब से खड़ा मंझधार,
नैया हमारी तुम बिन,
उतरेगी कैसे पार।।

सुना है हारे का,
बस एक सहारा हो,
कोई ना ऐसा दास,
पकड़ तूने हाथ जिसे ना तारा हो,
आज कहां तू खो गए बाबा,
पकड़ो ना मेरा हाथ,
पकड़ो ना मेरा हाथ,
नैया हमारी तुम बिन,
उतरेगी कैसे पार।।

मेरी लाज तेरे हाथ,
करो ना मनमानी,
‘विशु’ गया जो हार,
सुनो जी सरकार,
बड़ी होगी बदनामी,
छूट गया जो साथ हमारा,
छूट गया जो साथ हमारा,
पछताओगे सरकार,
नैया हमारी तुम बिन,
उतरेगी कैसे पार।।

बीच भंवर में नाव फंसी है,
पकड़ो तुम पतवार,
ओ बाबा, पकड़ो तुम पतवार,
नैया हमारी तुम बिन,
उतरेगी कैसे पार,
नैया हमारी तुम बिन,
उतरेगी कैसे पार।।


Beech Bhanwar me Naav || Anil Sharma || Latest Khatu Shyam bhajan

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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