स्वर्ण पर्वताकार शरीरा, श्री हनुमान कहावे, सालासर के स्वर्ण कलश पर, लाल ध्वजा लहराये।
सालासर में सोना बरसे, जब चाहें अजमाल, इस पारस पत्थर को छुलो, जिवन सफल बनालो,
स्वर्ण अवसर मिल गया, कही ये अवसर, निकल ना जाये, सालासर के स्वर्ण कलश पर, लाल ध्वजा लहराये।
सवामणी का धणी देव ये, करता काम सवाया, सवामणी ने ना जाने,
New Bhajan 2023
कितनों का भाग्य जगाया, सवामणी का भोग चुरमा, सरजिवन बन जाये, सालासर के स्वर्ण कलश पर, लाल ध्वजा लहराये।
केशरीनंदन के चरणों से, रंग केशरी पालो, पवन कुंड के हवन कुंड की,
भस्मी अंग रमालो, इस भस्मी से मिट्टी की, काया कंचन हो जाये, सालासर के स्वर्ण कलश पर, लाल ध्वजा लहराये।
भक्त शिरोमणी मोहनदास जी, स्वर्ण में अलख जगाया, सालासर दरबार सजीला, स्वर्ण छत्र की छाया, भक्तीभाव की गुणमाला, राजेन्द्र आज चढ़ाये, सालासर के स्वर्ण कलश पर, लाल ध्वजा लहराये।