थे तो आरोगो नी मदन गोपाल
थे तो आरोगो नी मदन गोपाल
थे तो आरोगो नी मदन गोपाल,कटोरो ल्याई दूध को भरयो,
कटोरो ल्याई दूध को भरयो।
दूदा जी म्हानें दई बुलावण,
जद मैं आई चाल,
धोळी गाय को दूध गरम कर,
ल्याई मिसरी डाल,
क्यानें रूठ गया मेड़तिया भगवान,
कटोरो ल्याई दूध को भरयो।
किस विध रूठ गया छौ बाला,
कारण काह महाराज,
दूध कटोरो धरयो सामने,
पीवण री काई लाज,
भूखा मरता रा,
पींच ज्यासी थारा गाल,
कटोरो ल्याई दूध को भरयो।
श्याम सलौने दूध आरोगो,
साँची बात बताऊँ,
बिना पिया यो दूध कटोरो,
पाछी लेर ना जाऊँ,
देस्यूँ सांवरिया,
चरणां में देह त्याग,
कटोरो ल्याई दूध को भरयो।
करुणा सुन डरिया प्रभु जी,
मन्द मन्द मुस्कात,
गट गट दूध पिवण ने लाग्या,
चारभुजा रा नाथ,
प्रभु राखोजी,
भक्तों री जाती लाज,
कटोरो ल्याई दूध को भरयो।
हरष चली मीरा महला में,
खाली कटोरो लेय,
दूध प्याय दादा दूदा ने,
दियो कटोरो देय,
खाली देखत ही,
कटोरो राव रिसाय,
कटोरो ल्याई दूध को भरयो।
अब मीरा पर आफत आई,
झूठी साँची कहीवै,
साचत दूध पियो प्रभुजी ने,
कौन गवाही देवे,
थाने नजरां सूं,
दिखाऊँ चालो साथ,
कटोरो ल्याई दूध को भरयो।
भरयो कटोरो लेय सब मिल,
ले मीरा ना सागे,
सारां देखत दूध कटोरो,
धरयो प्रभुजी के आगे,
मीरा ऊबी ऊबी करे अरदास,
कटोरो ल्याई दूध को भरयो।
दया करो दीनों के स्वामी,
अब पत राखो म्हारी,
काल कटोरो झटके पी गया,
अब क्यों करते देरी,
काई शरमाया,
मीरा का सिरजनहार,
कटोरो ल्याई दूध को भरयो।
सुनी प्रेम की टेर प्रभुजी,
मन्द मन्द मुस्कायां,
मीरा दासी जान दयानिधि,
च्यारूँ हाथ बढाया,
पी गया मीरा को,
कटोरो दूध उठाय,
कटोरो ल्याई दूध को भरयो।
मीरा नृत्य करे प्रभु के आगे,
हरख्यो सारो साथ,
भक्तों के बस में गिरधारी,
चार भुजा रो नाथ,
प्यारो लागे जी,
मेड़तियो भगवान,
कटोरो ल्याई दूध को भरयो।
थे तो आरोगो नी मदन गोपाल,
थे तो आरागो नी मदन गोपाल,
कटोरो ल्याई दूध को भरयो,
कटोरो ल्याई दूध को भरयो।
थे तो आरोगो नी मदन गोपाल कटोरो लाई दूध को भरो !! मारवाडी भजन !! मेरठ !! 6.10.2018 !! बृज भाव