झूला झूले रे हरि
झूला झूले रे हरि
हरे रामा रिमझिम बरसे बदरिया,झूले दशरथ की रनिया,
की हरे रामा रिमझिम बरसे बदरिया,
के झूले दशरथ की रनिया,
की हरे रामा रिमझिम बरसे पनिया,
झूला झूले रे रनिया।
महलन महलन झूला डारे,
झूल रहे हैं रघुवर प्यारे,
की हरे रामा मंद मंद मुस्कनिया,
की झूला झूले रे हरि।
सीता मैया झूला झूले,
भरत शत्रुघ्न लक्ष्मण झूला झूले,
की हरे रामा बाजत पग पैजनिया,
की झूला झूले रे हरि।
तीनों मैया झूल रही है,
मन ही मन में फूल रही है,
कि हरे रामा सावन की,
बरसे बदरिया,
की झूला झूले रे हरि।
सावन गीत-हरे रामा दशरथ की रनियाsawan geet,kajari geet shiv bhajan,bhole nath bhajan bhole bhajan