कहाँ से आया कहाँ जाओगे खबर करो अपने तन की मीनिंग Kaha Se Aaya Kaha Jaoge Meaning
कहाँ से आया कहाँ जाओगे खबर करो अपने तन की मीनिंग Kaha Se Aaya Kaha Jaoge Meaning
कहाँ से आया कहाँ जाओगे, खबर करो अपने तन की,
कोई सदगुरु मिले तो भेद बतावें, खुल जावे अंतर खिड़की.
कोई सदगुरु मिले तो भेद बतावें, खुल जावे अंतर खिड़की.
Kaha Se Aaya Kaha Jaoge, Khabar karo Apne Tan Ki,
Koi Sadguru Mile To Bed Batave, Khul Jave Antar Khidaki.
हिंदी अर्थ : जीव कहाँ से आया है और कहाँ जाएगा इसका भेद कोई जान नहीं पाया है। कबीर साहेब कहते हैं की सतगुरु ही इसका भेद जानता है। सतगुरु मिले तो भेद बताये की कौन कहाँ से आया है और सतगुरु ही मन की खिड़की को खोलता है। कबीर साहेब इस दोहे में सन्देश देते हैं की तुम कहाँ से आये हो और कहाँ पर जाओगे इसकी खैर ख़बर लो, सतगुरु मिलता है तो ही वह भेद बताह है, वही ज्ञान देता है.
जीव कहाँ से आया है और कहाँ जाएगा, इस प्रश्न का उत्तर कई दर्शनशास्त्रों में अलग-अलग रूपों में प्राप्त होता है। हिंदू धर्म में, जीव की आत्मा अनादि काल से ही संसारी चक्र में जन्म लेती रहती है और पुनर्जन्म के माध्यम से भ्रमण करती रहती है। इसे संसारी चक्र के बाहर निकलने के लिए मोक्ष की प्राप्ति करनी पड़ती है। मोक्ष क्या है ? सत्कर्म, सत्य, अहिंसा और हरी नाम सुमिरण करके जीवन को बिताना ही मोक्ष का द्वार बताया गया है।
जीव कहाँ से आया है और कहाँ जाएगा, इस प्रश्न का उत्तर कई दर्शनशास्त्रों में अलग-अलग रूपों में प्राप्त होता है। हिंदू धर्म में, जीव की आत्मा अनादि काल से ही संसारी चक्र में जन्म लेती रहती है और पुनर्जन्म के माध्यम से भ्रमण करती रहती है। इसे संसारी चक्र के बाहर निकलने के लिए मोक्ष की प्राप्ति करनी पड़ती है। मोक्ष क्या है ? सत्कर्म, सत्य, अहिंसा और हरी नाम सुमिरण करके जीवन को बिताना ही मोक्ष का द्वार बताया गया है।