मोर छड़ी लहराई रे भजन लिरिक्स Mor Chhadi Lahari Re Lyrics
मोर छड़ी लहराई रे,रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे ।
श्याम बहादुर दर्शन को आये,
ताले मंदिर के बंद पाये,
मोर छड़ी से ताले को खोला,
शीश झुका कर बाबा से बोला ।
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे,
मोर छड़ी लहराई रे ।
मोर छड़ी का जादू निराला,
इसको थामे है खाटू वाला,
लीले चढ़ के दौड़ा ये आये,
सारे संकट पल में मिटाये ।
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे,
मोर छड़ी लहराई रे ।
मोर छड़ी की महिमा है भारी,
श्याम धणी को लागे है प्यारी,
हर्ष कहे रोतो को हसाये,
हाथो में जब तेरे लहराये ।
रसिया ओ सांवरा,
तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे,
मोर छड़ी लहराई रे ।