शब्द नही जो बोल सकू, ये रिश्ता क्या कहलाता है, मैं तो इतना जानू मेरा, श्याम से गहरा नाता है।
ये मुझे जाने ये पहचाने, क्या हूं मैं और कैसा हूं, श्याम के मन को जो भाता है, मैं तो बिलकुल वैसा हूं, इसीलिए तो, इसीलिए तो मुझपर अपना, जमकर प्यार लुटाता है।
कितना मेरा ख्याल ये रखता, आई आफत टाल रहा, चोट बच्चो के जैसे ही, मुझको श्याम सम्भाल रहा, कभी कभी, कभी कभी चुपके से मुझको, देख देख मुस्काता है।
अपना सब कुछ सौंप दिया है, मैने श्याम के हाथों में, दिल मेरा गद गद हो जाता, श्याम प्रभु की बातों में, श्याम ही मेरा, श्याम ही मेरा इष्टदेव है, श्याम ही भाग्य विधाता है।
तार से तार जुड़े है दिल के, गर्व से कहता है बिन्नु, श्याम प्रभु की छत्र छाया में, मैं तो हर पल रहता हूं, भर भर प्याला, भर भर प्याला, श्याम सुधा का, मुझको श्याम पिलाता है।
मैं तो इतना जानू मेरा, श्याम से गहरा नाता है, शब्द नही जो बोल सकू, ये रिश्ता क्या कहलाता है।
Ye Rishta Kya Kehlata Hai - Rajni Rajasthani | ये रिश्ता क्या कहलाता है | Beautiful Shyam Bhajan