आज दोउ झूलत मृदु मुस्कावत

आज दोउ झूलत मृदु मुस्कावत

आज दोउ झूलत मृदु मुस्कावत,
और हूं बात लखि तैं सजनी,
सैनन माहि कछु बतरावत।

मेल कपोल अधर धर बंसी,
एक संग पुनि दोउ बजावत,
बजती नहीं झगरत आपस में,
निरख सखी अतिशय सुख पावत।

निज प्रतिबिम्ब देख दर्पण में,
भानु लली मन में सकुचावत,
बूझत पिय सो ये कोउ झूलत,
जो निज छवि सो हमें लाजवत।

हसत श्याम प्रिया को लख भोरी,
कंठ लगाए बहुत समझावत,
नारायण हठ तजत नहीं जब,
सन्मुख से सखी कांच हटावत।


Nikunj Kamra Bhajan- राधा कृष्ण हिंडोरा भाव | आज दोउ झूलत मृदु मुस्कावत | Bhav Pravah #vrindavan

राधा कृष्णा रास लीला एक पौराणिक हिंदू कथा है जो श्री कृष्ण और उनकी प्रेमिका राधा के बीच के प्रेम को दर्शाती है। इस कथा के अनुसार, श्री कृष्ण और राधा अक्सर ब्रज के वन में गोपियों के साथ रास नृत्य करते थे।
 
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
  1. सुन ले ओ राधा प्यारी Sun Le O Radha Pyari Lyrics Shri Radha Krishna Bhajan
Next Post Previous Post