भोले बाबा को रंगो आज सब मिलकर के सारे लिरिक्स Bhole Baba Ko Rango Aaj Lyrics
भोले बाबा को रंगो आज सब मिलकर के सारे लिरिक्स Bhole Baba Ko Rango Aaj Lyrics
होली में गूँज रहा देखो,रंगो का त्योहार,
हो भोले बाबा को रंगो,
आज सब मिलकर के सारे।
हाथों में लाये है गुलाल मल के,
बाबा को रंग लगाओ मल के,
नंदी को संग में रंग लगाओ,
सब मिलके,
हो भोले हो शंकर बाबा को रंगो,
आज सब मिलकर के सारे।
रंग ऐसा रंगयो के छूटे ना,
भोले मिले है बड़े यतन से,
रंग लगा के फिर,
भंगिया भी पिलाना,
हो भोले हो शंकर बाबा को रंगो,
आज सब मिलकर के सारे।
कैलाश में होली की धूम मची है,
रंगो की एक दुनिया सजी है,
सब भक्त बाबा को,
रंग लगाए जाते है,
हो भोले हो शंकर बाबा को रंगो,
आज सब मिलकर के सारे।
होली खेले शिव शंकर : शिव भजन : Shiv Bhajan : महादेव जी के भजन: Shiv Bhajan : Bholenath Bhajan #Shiv
शिव को भोले शंकर और भोले बाबा इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे सरल, भोले और दयालु हैं। वे किसी भी प्रकार की चालाकी या छल-कपट में रुचि नहीं रखते हैं। वे अपने भक्तों के प्रति बहुत ही दयालु और कृपालु हैं। वे हमेशा अपने भक्तों की मदद के लिए तैयार रहते हैं।
शिव को भोले शंकर कहने के पीछे एक कहानी भी है। एक बार, एक राक्षस ने शिव से वरदान मांगा कि वह अजेय हो जाए। शिव ने बिना किसी सोच-विचार के उसे वरदान दे दिया। बाद में, जब उस राक्षस ने शिव की पत्नी पार्वती को परेशान करना शुरू कर दिया, तो शिव को बहुत क्रोध आया। उन्होंने अपने त्रिशूल से उस राक्षस का वध कर दिया। इस घटना से यह पता चलता है कि शिव बहुत ही भोले और सरल हैं। वे किसी के भी भले के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, भले ही वह उनके दुश्मन ही क्यों न हो। शिव को भोले बाबा कहने के पीछे एक और कारण यह है कि वे श्मशान में रहते हैं। श्मशान को मृत्यु का स्थान माना जाता है। इसलिए, शिव को भोले बाबा कहकर उनका यह गुण भी बताया जाता है कि वे मृत्यु के भय से मुक्त हैं। शिव को भोले शंकर और भोले बाबा कहकर उनकी सरलता, दयालुता और मृत्यु के भय से मुक्ति का गुण बताया जाता है।
शिव को भोले शंकर कहने के पीछे एक कहानी भी है। एक बार, एक राक्षस ने शिव से वरदान मांगा कि वह अजेय हो जाए। शिव ने बिना किसी सोच-विचार के उसे वरदान दे दिया। बाद में, जब उस राक्षस ने शिव की पत्नी पार्वती को परेशान करना शुरू कर दिया, तो शिव को बहुत क्रोध आया। उन्होंने अपने त्रिशूल से उस राक्षस का वध कर दिया। इस घटना से यह पता चलता है कि शिव बहुत ही भोले और सरल हैं। वे किसी के भी भले के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, भले ही वह उनके दुश्मन ही क्यों न हो। शिव को भोले बाबा कहने के पीछे एक और कारण यह है कि वे श्मशान में रहते हैं। श्मशान को मृत्यु का स्थान माना जाता है। इसलिए, शिव को भोले बाबा कहकर उनका यह गुण भी बताया जाता है कि वे मृत्यु के भय से मुक्त हैं। शिव को भोले शंकर और भोले बाबा कहकर उनकी सरलता, दयालुता और मृत्यु के भय से मुक्ति का गुण बताया जाता है।