होली में गूँज रहा देखो, रंगो का त्योहार, हो भोले बाबा को रंगो, आज सब मिलकर के सारे।
हाथों में लाये है गुलाल मल के, बाबा को रंग लगाओ मल के, नंदी को संग में रंग लगाओ, सब मिलके, हो भोले हो शंकर बाबा को रंगो, आज सब मिलकर के सारे।
रंग ऐसा रंगयो के छूटे ना, भोले मिले है बड़े यतन से, रंग लगा के फिर, भंगिया भी पिलाना, हो भोले हो शंकर बाबा को रंगो, आज सब मिलकर के सारे।
कैलाश में होली की धूम मची है, रंगो की एक दुनिया सजी है, सब भक्त बाबा को, रंग लगाए जाते है, हो भोले हो शंकर बाबा को रंगो, आज सब मिलकर के सारे।
होली खेले शिव शंकर : शिव भजन : Shiv Bhajan : महादेव जी के भजन: Shiv Bhajan : Bholenath Bhajan #Shiv
शिव को भोले शंकर और भोले बाबा इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे सरल, भोले और दयालु हैं। वे किसी भी प्रकार की चालाकी या छल-कपट में रुचि नहीं रखते हैं। वे अपने भक्तों के प्रति बहुत ही दयालु और कृपालु हैं। वे हमेशा अपने भक्तों की मदद के लिए तैयार रहते हैं।