हरिद्वार में कावड़ लेने मैं भी जाऊंगी

हरिद्वार में कावड़ लेने मैं भी जाऊंगी

पिया हरिद्वार में कावड़ लेने,
मैं भी जाऊंगी,
पीछे बरस मैं ना जा पाई,
अब के मैं भी जाऊंगी,
पिया हरिद्वार में कावड़ लेने,
मैं भी जाऊंगी।

पिया करू तेरी सेवा,
बस डाटो मत ना,
मैं तो जाऊंगी पिया जी,
मन्ने डाटो मत ना,
पिया हरिद्वार में कावड़ लेने,
मैं भी जाऊंगी।

भोले खुशियों से,
जीवन सबका भरे,
भोले बेड़ा पार है सबका करे,
पिया हरिद्वार में कावड़ लेने,
मैं भी जाऊंगी।

मेरे आस लगी भोले दर्शन की,
पिया कुछ भी ना मांगू,
सुनलो मेरे मन की,
पिया हरिद्वार में कावड़ लेने,
मैं भी जाऊंगी।
 

हरिद्वार में कांवड़ लेने में भी जाऊगी | Bhole Baba Hit Song | shiv ji ke bhajan 2023 | JMD | Bhajan

शिव जी के कावड का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। कावड यात्रा एक पवित्र यात्रा है, जो श्रावण के महीने में की जाती है। इस यात्रा में शिव भक्त गंगा नदी से जल लेकर अपने स्थानीय शिव मंदिरों में ले जाते हैं। कावड यात्रा को शिव भक्तों के लिए एक पुण्यदायी कार्य माना जाता है।

कावड यात्रा का महत्व निम्नलिखित है:

  • पवित्रता और मोक्ष: कावड यात्रा को पवित्रता और मोक्ष प्राप्ति का एक मार्ग माना जाता है। शिव भक्त गंगा नदी से जल लेकर इसे अपने शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। यह जल पवित्र माना जाता है और यह शिव जी की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
  • भक्ति और समर्पण: कावड यात्रा भक्ति और समर्पण का एक प्रतीक है। शिव भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ यह यात्रा करते हैं। वे शिव जी को अपना सर्वस्व समर्पित करते हैं।
  • सामाजिक सद्भाव: कावड यात्रा एक सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस यात्रा में विभिन्न धर्मों और जातियों के लोग एक साथ मिलकर हिस्सा लेते हैं। यह यात्रा लोगों को एकजुट करने में मदद करती है।
कावड यात्रा के दौरान शिव भक्त कई नियमों का पालन करते हैं। वे सात्विक भोजन करते हैं, मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से दूर रहते हैं। वे शिव जी के मंत्रों का जाप करते हैं और भजन गाते हैं। कावड यात्रा के अंत में, शिव भक्त अपने स्थानीय शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं।
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