कृष्ण को छलिया क्यों कहते हैं? Krishna Ko Chhaliya Kyo Kahate Hain
कृष्ण को छलिया इसलिए कहते हैं की उन्होंने कई बार छल का सहारा लिया। यह छल किसी को हानि पंहुचाने के लिए नहीं अपितु जनकल्याण के लिए था, उनके छल में भी सद्भावना थी। उन्होंने गोपियों से छल किया लेकिन यह दिव्य प्रेम को स्थापित करने के लिए था, राधा जी को उन्होंने छला, लेकिन यह भी अलौकिक और दिव्य ही था। श्री कृष्ण को छलिया नाम सबसे पहले गोपियों ने ही दिया था। श्री कृष्ण जी उनसे अलौकिक प्रेम करते थे लेकिन कंस का वध करने के लिए मथुरा चले गए और पुनः जब नंदगांव नहीं लौटे तो गोपियों ने कहा की कृष्ण ने उनको प्रेम में छल लिया है और वे छलिया हैं।
श्री कृष्ण जी ने कई स्थानों पर छल और प्रवंचना का सहारा लेकर महाभारत के युद्ध में पांडवो को जीत दिलवाई। लेकिन यह छल सत्य को विजय दिलाने के लिए था इसलिए इसे धोखा नहीं कहा जा सकता है। श्री कृष्ण जी ने कुरुक्षेत्र में 'छल' किया। उन्होंने मोहिनी का अवतार लेकर 'छल' किया। उसने कालयवन को 'छल' से नष्ट किया। द्रौपदी को छल से बचाया और द्रौपदी की साडी को बढाते ही चले गए, लेकिन ये सभी सत्य को स्थापित करने के लिए किये गए थे।
हालांकि, कृष्ण को छलिया कहा जाता है इसका मतलब यह नहीं है कि वे बुरे हैं. वे वास्तव में बहुत दयालु और करुणावान हैं. वे हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं, भले ही वे उन्हें धोखा दें या उन्हें परेशान करें. यह उनकी दयालुता और करुणा का एक उदाहरण है, जिसके कारण उन्हें प्यार किया जाता है.
कृष्ण हमेशा अपनी चतुराई और चालबाजी के लिए जाने जाते हैं. वे हमेशा लोगों को धोखा देने और उन्हें अपने तरीके से करने के लिए तैयार रहते हैं. ऐसा प्रतीत होता है की श्री कृष्ण राधा को धोखा देते हैं और गोपियों के साथ छल करते हैं, लेकिन यह सत्य नहीं है, यह उनकी चतुराई और चालबाजी का एक उदाहरण है, जिसके कारण उन्हें छलिया कहा जाता है.
भगवान कृष्ण को छलिया कहा जाता है क्योंकि उन्होंने कई बार दूसरों को धोखा दिया है. हालांकि, उन्होंने ऐसा हमेशा अच्छे के लिए किया है. उन्होंने कुरुक्षेत्र में कौरवों को हराने के लिए छल किया था, उन्होंने मोहिनी का अवतार लेकर असुरों को हराया था, और उन्होंने कालयवन को मारकर धर्म की रक्षा की, द्रौपदी की मदद करके भक्ति को स्थापित किया. कृष्ण ने हमेशा अपने भक्तों की मदद करने के लिए छल का इस्तेमाल किया है, और उन्होंने हमेशा अच्छाई के लिए काम किया है. कुछ लोग कृष्ण के छल को गलत मानते हैं, लेकिन मैं मानता हूं कि उन्होंने हमेशा अच्छे के लिए काम किया है. उन्होंने हमेशा अपने भक्तों की मदद की है, और उन्होंने हमेशा अच्छाई के लिए काम किया है. अतः श्री कृष्ण जी ने धर्म की रक्षा करने के लिए छल का सहारा लिया.
कृष्ण हमेशा अपनी चतुराई और चालबाजी के लिए जाने जाते हैं. वे हमेशा लोगों को धोखा देने और उन्हें अपने तरीके से करने के लिए तैयार रहते हैं. ऐसा प्रतीत होता है की श्री कृष्ण राधा को धोखा देते हैं और गोपियों के साथ छल करते हैं, लेकिन यह सत्य नहीं है, यह उनकी चतुराई और चालबाजी का एक उदाहरण है, जिसके कारण उन्हें छलिया कहा जाता है.
भगवान कृष्ण को छलिया कहा जाता है क्योंकि उन्होंने कई बार दूसरों को धोखा दिया है. हालांकि, उन्होंने ऐसा हमेशा अच्छे के लिए किया है. उन्होंने कुरुक्षेत्र में कौरवों को हराने के लिए छल किया था, उन्होंने मोहिनी का अवतार लेकर असुरों को हराया था, और उन्होंने कालयवन को मारकर धर्म की रक्षा की, द्रौपदी की मदद करके भक्ति को स्थापित किया. कृष्ण ने हमेशा अपने भक्तों की मदद करने के लिए छल का इस्तेमाल किया है, और उन्होंने हमेशा अच्छाई के लिए काम किया है. कुछ लोग कृष्ण के छल को गलत मानते हैं, लेकिन मैं मानता हूं कि उन्होंने हमेशा अच्छे के लिए काम किया है. उन्होंने हमेशा अपने भक्तों की मदद की है, और उन्होंने हमेशा अच्छाई के लिए काम किया है. अतः श्री कृष्ण जी ने धर्म की रक्षा करने के लिए छल का सहारा लिया.