कबीर पढना दूर करु पोथी देह बहाइ मीनिंग

कबीर पढना दूर करु पोथी देह बहाइ मीनिंग

कबीर पढना दूर करु, पोथी देह बहाइ,
बाबन अक्षर सोधि के, हरि नाम लौ लाइ।
Or
कबिरा पढ़िबा दूरि करि, पुस्तक देइ बहाइ।
बांवन अषिर सोधि करि, ररै ममैं चित लाइ॥

Kabir Padhana Door Kar, Pothi Deh Bahai,
Baban Akshar Sodhi Ke, Hari Naam Lou Lai.
 
कबीर पढना दूर करु पोथी देह बहाइ मीनिंग Kabir Padh Door Kar Meaing

कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ

कबीर साहेब के इस दोहे का अर्थ है की पढ़ना छोड़कर पुस्तकों को पानी मे प्रवाहित कर दो। बावन अक्षरों कि खोज करके राम/प्रभू नाम में अपना ध्याान केंद्रित करों। कबीर साहेब की वाणी है की हमें किताबों को पानी में बहा देना चाहिये क्योंकि लिखित ज्ञान के विरूद्ध हमें अपने आचरण में ज्ञान को उतारना है. बावन अक्षरों के शोध के उपरान्त हमें हरी के नाम सुमिरन में अपना चित्त लगाना चाहिए।
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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