तू जीने मर्जी दुख देले दुख सहन दी आदत

तू जीने मर्जी दुख देले दुख सहन दी आदत पे गई ऐ

तू जीने मर्जी दुख देले,
दुख सहन दी आदत पे गई ऐ,
तू जीने मर्जी दुख देले,
दुख सेहन दी आदत पे गई ऐ,
वेदरदा तेनु की कहना,
चुप रहन दी आदत पै गई ऐ,
तू जीने मर्जी दुख देले,
दुख सेहन दी आदत पे गई ऐ।

साडे चेहरे उते लिखियाँ ने,
साडे दिल उते जो जो बितियाँ ने,
असी भूलना चाहिए भुल्दे नही,
मेरे नाल तू जो जो कितियाँ ने,
सहनु मंदड़ा बोलियाँ माफ़ करी,
सच कहन दी आदत पै गई ऐ,
तू जीने मर्जी दुख देले,
दुख सेहन दी आदत पे गई ऐ।

असी इकले हा ते की होया,
तू खुश वस् नाल रकीबा दे,
सहनु तेरे उते दोष नही,
असी माडे आ यार नसीबा दे,
सहनु मेले चंगे लगदे नही,
वख रहन दी आदत पे गई ऐ,
तू जीने मर्जी दुख देले,
दुख सेहन दी आदत पे गई ऐ।

साड़े हिसे विच जो आइयाँ ने,
सोच ते नाकामियां ने,
की करिये साड़े लेखा विच,
रुस्वियाँ ते बदनामिया ने,
सहनु मेले चंगे लगदे नहीं,
सहनु देहन दी आदत पे गई ऐ,
तू जीने मर्जी दुख देले,
दुख सेहन दी आदत पे गई ऐ।

तेरे दिल दियां यारा तू जाने,
साड़े दिल विच सूरत तेरी ऐ,
तू जीना चिर साडे नाल रहवे,
सहनु ऊनि उम्र वखेरी ऐ,
सहनु मेले चंगे लगदे नही,
वख रेहन दी आदत पे गई ऐ,
तू जीने मर्जी दुख देले,
दुख सेहन दी आदत पे गई ऐ।

ब्रिज राज से नाता जुड़ा जब है तो,
क्या जग की परवाह करे,
बस याद में उनकी रोते रहे निरंतर,
अशरु परवाह करे,
जितने वो दूर भागे हमसे,
उतनी दुनी हम चाह करे,
क्या अद्भुत सुख इस प्रेम में है,
हम आह करे वो वाह करे,
आ रोना धोना दर्द ते गम साड़े,
सजन रोग पुराने ने,
तू सजन भावे भूल जावे,
असी किते कोल निभाने ने,
सहनु गम दिया यादा नाल सजन,
नित रहन दी आदत पे गई ऐ।
 

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