ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया भजन लिरिक्स Aie Murali Wale Mere Kanhaiya Lyrics

भगवान कृष्ण को उनकी बांसुरी एक दिव्य उपहार के रूप में मिली थी। यह बांसुरी ऋषि दधीचि की हड्डी से बनी थी। ऋषि दधीचि एक महान ऋषि थे, जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपनी हड्डियां दान कर दी थीं। भगवान शिव ने उनकी हड्डियों से एक दिव्य बांसुरी बनाई और उसे भगवान कृष्ण को भेंट दिया। एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण को उनकी बांसुरी भगवान शिव ने ही दी थी। जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, तो भगवान शिव ने उन्हें देखने के लिए गोकुल आए। उन्होंने कृष्ण को अपनी बांसुरी दी और उन्हें आशीर्वाद दिया कि वे बांसुरी बजाकर सभी को आनंदित करेंगे। भगवान कृष्ण ने अपनी बांसुरी को अपने जीवन का एक अभिन्न अंग बना लिया। वे अक्सर बांसुरी बजाते थे और अपनी सुरीली धुन से सभी को मंत्रमुग्ध कर देते थे। उनकी बांसुरी की धुन राधा और गोपियों को भी बहुत पसंद थी। वे कृष्ण की बांसुरी की धुन पर नाचती थीं और आनंदित होती थीं।

Naye Bhajano Ke Lyrics

ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया भजन लिरिक्स Aie Murali Wale Mere Kanhaiya Lyrics

ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं,
ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं,
तुम्हारी यादों में प्राण प्यारे,
आंखों से आंसू छलक रहे हैं,
ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं।

मुझे है कितनी तुमसे मोहब्बत,
कभी जरा आज़मा के देखो,
तुम्हारे कदमों में मर मिटेंगे,
तुम्हारे कदमों में मर मिटेंगे,
दिल में ये अरमा मचल रहे हैं,
ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं।

मुझे है चाहत बस एक तेरी,
ना छोड़ना तुम मुझे अकेला,
तुम मुझसे बस इतना सा कह दो,
तुम मुझसे बस इतना सा कह दो,
मिलने को तुमसे हम चल रहे हैं,
ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं।

हम तुमसे दामन फैला के माँगे,
रहमत की अपनी तुम भीख दे दो,
चित्र विचित्र भी ऐ कमली वाले,
चित्र विचित्र भी ऐ कमली वाले,
तेरे कर्म पे ही पल रहे हैं,
ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं।

ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं।
ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं,
तुम्हारी यादों में प्राण प्यारे,
आंखों से आंसू छलक रहे हैं,
ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं



बाबा चित्र विचित्र जी के इस भजन ने धूम मचा दी - ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं

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