अनराते सुख सोबना राते निन्द ना आय हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

अनराते सुख सोबना राते निन्द ना आय हिंदी मीनिंग Anrate Sukh Sobana Meaning : Kabir Ke Dohe Ka Hindi Arth/Bhavarth

अनराते सुख सोबना, राते निन्द ना आय,
ज्यों जल छुटि माछरि, तलफत रैन बिहाय।

Anrate Sukh Sobana, Rate Nind Na Aay.
Jyo Jal Chhuti Machhari, Talfat Rain Bihay.

अनराते सुख सोबना राते निन्द ना आय हिंदी मीनिंग Anrate Sukh Sobana Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning

हरी भक्ति से विमुख भक्त के बारे में कबीर साहेब सन्देश देते हैं की वह बहुत अधिक विकल रहता है, वह रात्री को भी सोने के बाद चैन से नींद नहीं ले सकता है। जैसे जल के बाहर मछली तडपती है वैसे ही भक्त इश्वर के बिना व्याकुल और बेचैन रहता है। इस दोहे में कबीरदास जी ने प्रभु प्रेम से विमुख मनुष्य की दुर्दशा का वर्णन किया है। वे कहते हैं कि जो मनुष्य प्रभु प्रेम में नहीं रहता है, वह भले ही नींद में सो जाए, लेकिन उसे रात में निश्चिन्तता की नींद नहीं आती है। वह प्रभु के प्रेम के बिना तड़पता रहता है।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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