बनवारी ओ कृष्ण मुरारी लिरिक्स Banwari O Krishna Murari Lyrics

बनवारी शब्द का अर्थ है वृंदावन के उपवनों का निवासी। वृंदावन यमुना नदी के तट पर स्थित एक खूबसूरत जगह है, जहां भगवान कृष्ण ने अपना बचपन बिताया था। वृंदावन में कृष्ण ने कई दिव्य लीलाएं कीं, जिन्होंने उन्हें हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय देवता बना दिया। बनवारी शब्द हमारे दिलों में भगवान कृष्ण की दिव्य लीलाओं की कई यादें लाता है। हम कृष्ण को जंगलों में घूमते, घरों में मक्खन चुराते, राक्षसों का वध करते, गोवर्धन पर्वत उठाते, कालिया नाग के फन पर नाचते, गांव के लड़कों और महिलाओं को मंत्रमुग्ध करते, और यमुना नदी के पानी में खेलते हुए देखते हैं।

बनवारी शब्द एक ऐसा शब्द है जो हमें भगवान कृष्ण की प्रेम, दया और शक्ति की याद दिलाता है। यह एक ऐसा शब्द है जो हमें प्रेरित करता है और हमें अच्छे और सही काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। आपने बनवारी शब्द के बारे में जो बातें कही हैं, वे बहुत सटीक और सार्थक हैं। आपने भगवान कृष्ण की लीलाओं को बहुत खूबसूरती से चित्रित किया है। आपका लेख बहुत ही सुंदर और आकर्षक है।

Naye Bhajano Ke Lyrics

बनवारी ओ कृष्ण मुरारी लिरिक्स Banwari O Krishna Murari Lyrics : Krishna Bhajan

बनवारी ओ कृष्ण मुरारी,
बता कुण मारी,
पूछे यशोदा मात रे,
ओ लाला कहो थारे मनड़े री बात रे।

भेज्यो थे लाला तने गाय चरावन,
रोवतड़ो क्यों घर आयो,
किने से तू झगडो कर लीनो,
माटी में क्यों भर आयो,
कुण तने मारी नाम बतादे,
मैया जड़ पूछकारे,
कानो रोवे दरद घणो होवे,
जद मैया फेरे हाथ रे,
ओ लाला कहो थारे मनड़े री बात रे।

बैठ्यो थो मैया मैं कदम के नीचे,
बोली गुज़रिया बंसी बजा,
नाट गयो मैं तो नाही बजाऊं,
छीन म्हारी बंसी दिनी बगाड़,
आज गुज़रिया मारी म्हणे,
सारी ही हिलमिल कर,
बंसी तोड़ी कलाई भी मरोड़ी,
और मारी म्हणे लात की,
मैया कोई ना सुनी म्हारी बात भी,
ओ लाला कहो थारे मनड़े री बात रे।

सुनकर के बाता मैया कान कुंवर की,
म्हारो हिवड़ो भर आयो,
माटी झाड़ी सारे बदन की,
और हिवड़े से लिपटायो,
भोलो ढाळो कछु नहीं जाने,
मेरो यो गोपालो,
गुज़री खोटी पकडूंगीं जाके चोटी,
मारूँगी बिने लात की,
ओ लाला कोई ना सुनी तेरी बात री,
ओ लाला कहो थारे मनड़े री बात रे।

मैया रे बाता सुन सुन कर मोहन,
मन ही मन मुस्काने लाग्यो,
तारा चंद कहे ई छलिया को,
भेद कोई ना जान सक्यो,
ईरी माया योही जाने,
योही वेद पखाने,
पच पच हारा ऋषि मुनि सारा,
इ दिन और रात रे,
ओ लाला कहो थारे मनड़े री बात रे,
बनवारी ओ कृष्ण मुरारी,
बता कुण मारी,
पूछे यशोदा मात रे,
ओ लाला कहो थारे मनड़े री बात रे।
 



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