बरसाने वाली का श्रृंगार निराला है लिरिक्स
या बरसाने वाली का,
श्रृंगार निराला है,
अरे मेरे ले गई दिल को लूट,
गुजरिया बरसाने वाली।
या बरसाने वाली का,
श्रृंगार निराला है,
अरे बाकी माथे बिंदिया लाल,
चमकता नूर निराला है।
या बरसाने वाली की,
तो सखी निराली है,
अरे निधिवन में रचा में,
रस वह मनमोहन की प्यारी है,
या बरसाने वाली के,
सब सखा निराले हैं,
अरे मधुबन में चरावे,
गाय कन्हैया संग में ढाडे है।
या बरसाने वाली का,
तो पति निराला है,
अरे वह तो तीन लोग का नाथ,
के लीलाधर कहलाता है।
या बरसाने वाली का,
तो गांव निराला है,
अरे वो है मुक्ति का धाम,
महल वह सबसे ऊंचा है।
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