प्रभु आद कवि दा रुतबा तेरे हिसे आया है

प्रभु आद कवि दा रुतबा तेरे हिसे आया है

प्रभु वाल्मीक भगवान, तेरी सब तो ऊँची शान।।
तू ही सारा जगत रचाया है,
प्रभु आद कवि दा रुतबा, तेरे हिस्से आया है।।

हर दम तेरी आरती करदे, सूरज, चाँद, सितारे।।
करदे ने परिकर्मा तेरी, धरती मंडल सारे।।
ऐसा तेरा खेल निराला, भेद किसे नहीं पाया है।।
प्रभु आद कवि दा रुतबा, तेरे हिस्से आया है।।

फूलां दे विच खुशबू तेरी, पत्ते-पत्ते वासा।।
फिर भी किसे दे समझ न आवे, तेरा खेल तमाशा।।
हर पक्षी दी बोली ने, गुण तेरा ही गाया है।।
प्रभु आद कवि दा रुतबा, तेरे हिस्से आया है।।

पत्थर दे विच किन्हां नू ही, तू ही रिज़्क पहुँचांदा।।
हर तेरा नूर बरसदा, जलवा नज़री आउंदा।।
तू ही लिखदा है तक़दीर, जो तनु ही पाया है।।
प्रभु आद कवि दा रुतबा, तेरे हिस्से आया है।।

तेरी शक्ति वरगी, दाता होर कोई न शक्ति।।
तेरी भक्ति जाही ऊँची, होर कोई न भक्ति।।
राखे संसा तबेली उत्ते, तू ही कर्म कमाया है।।
प्रभु आद कवि दा रुतबा, तेरे हिस्से आया है।।


Prabhu Aad Kavi I RAKESH RANA I Punjabi Valmiki Bhajan I Full Audio Song
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