संकट हरनी मंगल करनी

संकट हरनी मंगल करनी

संकट हरनी मंगल करनी,
करदो बेड़ा पार भरोसो भारी है,
भारी है माँ भारी है,
तोरो भरोसो भारी है,
जय जगदम्बे रानी सती,
माँ दुर्गा की अवतार,
भरोसो भारी है,
संकट हरनी मंगल करनी,
करदो बेड़ा पार,
भरोसो भारी है।

लक्ष्मी शारदा काली तू,
असुरों को मारने वाली तू,
भक्तों की प्रतिपाली तू,
मात झुंझनू वाली तू,
कर रक्षा बालक तेरा,
हां होकर सिंह सवार,
भरोसो भारी है,
संकट हरनी मंगल करनी,
करदो बेड़ा पार,
भरोसो भारी है।

बीच भवर में नाव पड़ी,
ठाड़ में दादी कौन धरी,
सेवा मैया ना ये बनी,
करनी पड़सी दया घनी,
छोड़ तने मैं जाओ किथे,
माँ दिखे न दूजो द्वार,
भरोसो भारी है,
संकट हरनी मंगल करनी,
करदो बेड़ा पार,
भरोसो भारी है।

जिसे ना माँ का द्वार मिला,
फूल कभी वो नहीं खिला,
माँ की ममता होती क्या,
कवियों से ना गाये जा,
जन्म लियो पर,
मिलियो नहीं मन,
माँ का सच्चा प्यार,
भरोसो भारी है,
संकट हरनी मंगल करनी,
करदो बेड़ा पार,
भरोसो भारी है।

भाव सागर को पार नहीं,
नैया को पतवार नहीं,
सुने क्यों करूँ पुकार नहीं,
तुम बिन माँ आधार नहीं,
बालक पर भी करदो दया माँ,
एक बार पलक उघाड़,
भरोसो भारी है,
संकट हरनी मंगल करनी,
करदो बेड़ा पार,
भरोसो भारी है।
 



Sankat Harni Mangal Karni By Sanjay Mittal
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