दर्शन की आस है मुझे गिरधारी आईये

दर्शन की आस है मुझे गिरधारी आईये

दर्शन की आस है मुझे,
गिरधारी आईये,
आँखों की प्यास सवारे,
आ कर बुझाईये।

रातो की नींद उड़ गई,
दिन में ना चैन है,
तकते तुम्हारी राह बस,
व्याकुल ये नैन है
मीठी मुरलियाँ कानुहड़ा,
फिर से बजाइये,
दर्शन की आस है मुझे,
गिरधारी आईये।

देखे बिना तुझे हुआ,
ये मन उदास है,
फिका तेरे बिना सभी,
चाहे कुछ भी पास है,
चितचोर श्याम मेरे भी,
चित को चुराइये,
दर्शन की आस है मुझे,
गिरधारी आईये।

पागल कोई कहे मुझे,
कोई कमली कह रहा,
तेरे बिना बेचारा दिल,
क्या क्या सह रहा,
दीवानगी की हद सभी,
मोहन मिटाइये,
दर्शन की आस है मुझे,
गिरधारी आईये।

प्यारे हमे बताओ तुम,
कब तक रुलाओगे,
बिरह की आग हृदय में,
कब तक जलाओगे,
भूलन कहे ना और अब,
हमको सताइये,
दर्शन की आस है मुझे,
गिरधारी आईये।

दर्शन की आस है मुझे,
गिरधारी आईये,
आँखों की प्यास सवारे,
आ कर बुझाईये।


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