धोली धोली चादर चढ़ावन आई सु लिरिक्स Dholi Chadar Chadhavan Lyrics
पितृ पक्ष एक हिंदू धार्मिक पर्व है जो भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या से शुरू होता है और आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है। इस अवधि को पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित किया जाता है। लोग अपने पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना और अनुष्ठान करते हैं। वे पितरों के लिए भोजन और पानी का अर्पण करते हैं, और उन्हें पितृलोक में शांति और खुशी प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं।
धोली धोली चादर चढ़ावन आई सु लिरिक्स Dholi Chadar Chadhavan Lyrics
धोली धोली चादर चढ़ावन आई सु,पितर दाता तनै मनावण आई सु,
पितर दाता तने तनै मनावण आई सु।
खीर पूरी का दादा भोग लागमती,
खीर पूरी का दादा भोग लागमती,
चरना में दिया घी का तेरे जलावती,
चरना में दिया घी का तेरे जलावती,
धाम तेरे शीश मैं झुकावण आई सु,
पितर दाता तने तनै मनावण आई सु।
तारी पुराणी नै ध्वजा लहरादी,
तारी पुराणी नै ध्वजा लहरादी,
सोहणी सी मढ़ी तेरी जल तै नुहादी,
सोहणी सी मढ़ी तेरी जल तै नुहादी,
जितणी भी होगी सेवा ठावन आई सु,
पितर दाता तने तनै मनावण आई सु।
दादा ओ दादा जब भी,
मावस तेरी आवे सै,
दादा ओ दादा जब भी,
मावस तेरी आवे सै
ज्योत जगावण आऊं याद सतावे सै,
ज्योत जगावण आऊं याद सतावे सै,
गेल्याँ गेल्याँ दुख भी सुगावन आई सु,
पितर दाता तने तनै मनावण आई सु।
जेठा कमल सिंह ने काँगता कढ़वाया सै,
जेठा कमल सिंह ने काँगता कढ़वाया सै,
देवर नरेंद्र तेरे धाम पै ल्याया सै,
देवर नरेंद्र तेरे धाम पै ल्याया सै,
दोनुवां का कहना पुगावन आई सु,
पितर दाता तने तनै मनावण आई सु।