मैं ता श्री वृन्दावन दी चिड़ी बन जावांगी
मैं ता श्री वृन्दावन दी चिड़ी बन जावांगी
मैं ता श्री वृन्दावन दी,चिड़ी बन जावांगी,
रोज अमृत वेले,
मैं दर्शन पावागी,
मैं ता श्री वृन्दावन दी,
चिड़ी बन जावांगी।
उठ जाओ हुन भगतो,
श्री आरती ते जाना ए,
श्याम प्यारे दा सोहणा,
दर्शन पाना ए,
मैं वी उड के श्याम दा,
सोहणा दर्शन पावांगी,
मैं ता श्री वृन्दावन दी,
चिड़ी बन जावांगी।
श्याम दिया संगता,
जदों दर ते आनगीया,
अमृत भरा संगत जद,
लंगर खावनगीया,
संगता दिया चरणा दी,
संगता दे चरणा दी,
धूल मथे उत्ते लावांगी,
मैं ता श्री वृन्दावन दी,
चिड़ी बन जावांगी।
रोज सवेरे मैं,
फूल तोड़ ले आवांगी,
श्याम जी दे चरणा विच,
आन चढावांगी,
हर वेले श्याम दा,
हर वेले श्याम दा,
नित दर्शन पावांगी,
मैं ता श्री वृन्दावन दी,
चिड़ी बन जावांगी।
ओ मना चल वृन्दावन चलिये जिथे रहन्दे ने सावल शाह !! कड़कड़डूमा नई दिल्ली !! 8.12.2018 !! बाँसुरी