दो दो गुजरी के बीच अकेला सांवरिया
दो दो गुजरी के बीच,
अकेला सांवरिया,
दो दो गुजरी के बीच,
अकेला सांवरिया।
पहली गुजरी यूं कहे,
कान्हा माखन मिश्री खाना,
दूजी गुजरी यूं कहे,
कान्हा मेरे घर पर आना।
पहली गुजरी यूं कहे,
कान्हा वृंदावन में आना,
दूजी गुजरी यूं कहे,
कान्हा बरसाने में आना।
पहली गुजरी यूं कहे,
कान्हा गोकुल में तुम आना,
दूजी गुजरी यूं कहे,
कान्हा मुरली मधुर बजाना।
पहली गुजरी यूं कहे,
कान्हा जमुना तट पर आना,
दूजी गुजरी यूं कहे,
कान्हा मेरे संग रास रचाना।
चंद्र सखी की विनती है,
यह सुन लो दीनदयाल,
दर्शन देना कृपा करना,
त्रिलोकी के नाथ।
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