भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि में हुआ था। माना जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। उनके पिता का नाम वासुदेव और माता का नाम देवकी था। कृष्ण के जन्म से पहले, उनके मामा कंस ने उन्हें मारने की योजना बनाई थी। कंस एक अत्याचारी राजा था, और वह डरता था कि कृष्ण उसके हाथों से मर जाएगा। इसलिए, उसने देवकी और वासुदेव को जेल में डाल दिया।
एक रात, भगवान कृष्ण का जन्म हुआ। देवकी और वासुदेव ने कृष्ण को एक टोकरी में रखकर यमुना नदी में बहा दिया। टोकरी को नन्द बाबा और यशोदा मैया ने पाया। उन्होंने कृष्ण को गोकुल में ले जाकर अपना बेटा बना लिया। कृष्ण ने गोकुल में अपना बचपन बिताया। उन्होंने कई राक्षसों का वध किया, जिनमें कंस भी शामिल था। उन्होंने गोकुलवासियों की रक्षा की और उन्हें खुशी से रहने में मदद की।
कृष्ण एक महान योद्धा और दार्शनिक थे। उन्होंने लोगों को प्रेम, करुणा और न्याय के महत्व के बारे में सिखाया। वे हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय देवता हैं, और उनके जन्मदिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। जन्माष्टमी का त्योहार हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भगवान कृष्ण के जन्म की याद दिलाता है, जो हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय देवता हैं। यह त्योहार लोगों को भगवान कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं के बारे में याद दिलाता है।
जन्माष्टमी के दिन, लोग मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन करते हैं। लोग घरों में भी पूजा करते हैं और कृष्ण की मूर्तियों की स्थापना करते हैं। इस दिन, लोग व्रत रखते हैं और कृष्ण की कथा सुनते हैं। जन्माष्टमी का त्योहार एक खुशी का त्योहार है। इस दिन, लोग एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और उपहार देते हैं। इस दिन, लोग गरीबो और जरूरतमंदों की मदद भी करते हैं। जन्माष्टमी का त्योहार हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भगवान कृष्ण के जन्म की याद दिलाता है, जो हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय देवता हैं। यह त्योहार लोगों को भगवान कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं के बारे में याद दिलाता है।
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कृष्ण एक महान योद्धा और दार्शनिक थे। उन्होंने लोगों को प्रेम, करुणा और न्याय के महत्व के बारे में सिखाया। वे हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय देवता हैं, और उनके जन्मदिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। जन्माष्टमी का त्योहार हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भगवान कृष्ण के जन्म की याद दिलाता है, जो हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय देवता हैं। यह त्योहार लोगों को भगवान कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं के बारे में याद दिलाता है।
जन्माष्टमी के दिन, लोग मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन करते हैं। लोग घरों में भी पूजा करते हैं और कृष्ण की मूर्तियों की स्थापना करते हैं। इस दिन, लोग व्रत रखते हैं और कृष्ण की कथा सुनते हैं। जन्माष्टमी का त्योहार एक खुशी का त्योहार है। इस दिन, लोग एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और उपहार देते हैं। इस दिन, लोग गरीबो और जरूरतमंदों की मदद भी करते हैं। जन्माष्टमी का त्योहार हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भगवान कृष्ण के जन्म की याद दिलाता है, जो हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय देवता हैं। यह त्योहार लोगों को भगवान कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं के बारे में याद दिलाता है।
लल्ला की सुन के मैं आयी लिरिक्स कृष्णा जन्माष्टमी भजन Lala Ki Sunke Main Aai Lyrics : Krishna Janmashtmi Bhajan
लल्ला की सुन के मैं आयी,यशोदा मैंया दे दो बधाई,
कान्हा की सुनके मैं आयी,
यशोदा मैंया दे दो बधाई,
लल्ला जनम सुन आयी,
यशोदा मैंया दे दो बधाई,
दे दो बधाई मैंया दे दो बधाई,
दे दो बधाई मैंया दे दो बधाई,
लल्ला की सुन के मैंं आई,
यशोदा मैंया दे दो बधाई।
टीका भी लूँगी मैंया,
बिंदियां भी लूँगी,
रेशम की लूँगी रजाई,
यशोदा मैंया देदो बधाई,
लल्ला की सुन के मैंं आई,
यशोदा मैंया दे दो बधाई।
साड़ी भी लूँगी मैंया,
लहँगा भी लूँगी,
धोती भी लूँगी मैंया,
कुर्ता भी लूँगी,
पगडि की होगी चढ़ाई,
यशोदा मैंया देदो बधाई,
लल्ला की सुन के मैंं आई,
यशोदा मैंया दे दो बधाई।
हरवा भी लूँगी मैंया,
चूड़ी भी लूँगी,
कंगना पे होगी चढ़ाई,
यशोदा मैंया देदो बधाई,
लल्ला की सुन के मैंं आई,
यशोदा मैंया दे दो बधाई।
चन्द्र सखी भज,
बाल कृष्ण छवि,
नित नित जाऊँ बलिहारी,
यशोदा मैंया देदो बधाई,
लल्ला की सुन के मैंं आई,
यशोदा मैंया दे दो बधाई।
लल्ला की सुन के मैं आयी,
यशोदा मैंया दे दो बधाई,
लल्ला की सुन के मैंं आई,
यशोदा मैंया दे दो बधाई।
लल्ला जनम सुन आयी,
यशोदा मैंया दे दो बधाई,
दे दो बधाई मैंया दे दो बधाई,
दे दो बधाई मैंया दे दो बधाई,
लल्ला की सुन के मैंं आई,
यशोदा मैंया दे दो बधाई।