हम बरसाने वाले है सारी दुनिया

हम बरसाने वाले है सारी दुनिया से अपने अंदाज निराले है

हम बरसाने वाले है,
हम बरसाने वाले है,
हम बरसाने वाले है,
हम बरसाने वाले है,
सारी दुनिया से अपने,
अंदाज निराले है।

मेरी श्यामा की चौखट,
सदा रहता यहाँ नटखट,
हाथ जिस सर पर धरती,
श्याम अपनाता झटपट,
श्री राधे राधे गाए,
वो मोहन के मन भाए,
जिसे लाडली बुलाती,
वो ही बरसाना आये,
अपनाए ना जाते,
दिल से बुलाने वाले है,
हम बरसाने वाले है।

अटा बरसाने वाली,
तीन लोको से न्यारी,
उदा दोनों को पसारे,
किरपा बरसने वाली,
यहा श्याम आप विराजे,
संकट भक्तो के काटे,
जहा नित आंदन बरसे,
ख़ुशी के नित बादल गरजे,
डर न किसी का अब,
न घबराने वाले है,
हम बरसाने वाले है।

हे श्यामा श्याम की जोड़ी,
है चंदा एक चकोरी,
पूनम में मिलते दोनो,
प्रेम की साखरी खोरी,
अखियाँ दो श्याम मिलाये,
नैन श्यामा भी मिलाती,
नैन पलके बिछाए,
वो वाली सबका कण कण में,
समझाने वाले है,
हम बरसाने वाले है।

हम बरसाने वाले है,
हम बरसाने वाले है,
हम बरसाने वाले है,
हम बरसाने वाले है,
सारी दुनिया से अपने,
अंदाज निराले है।
 


हम बरसाने Wale Hai | Superhit Krihna Bhajan 2016 | Sadhvi Purnima Ji | Saawariya Music

बरसाना, उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले के अंतर्गत स्थित एक छोटा सा कस्बा है। यह स्थान हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। बरसाना को राधा जी की जन्मभूमि माना जाता है। राधा जी भगवान कृष्ण की प्रेमिका थीं। बरसाना को "राधा भूमि" के रूप में भी जाना जाता है। इस स्थान पर कई मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जो राधा जी और कृष्ण की लीलाओं से जुड़े हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध मंदिर राधा रानी मंदिर है। यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है और इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर में राधा जी की एक सुंदर मूर्ति स्थापित है। बरसाना में हर साल कई धार्मिक कार्यक्रम और उत्सव आयोजित किए जाते हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध कार्यक्रम है "राधाष्टमी"। राधाष्टमी का उत्सव हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर से भक्त बरसाना आते हैं और राधा जी की पूजा करते हैं।
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