जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया जन्माष्टमी भजन

जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया जन्माष्टमी भजन

जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है,
बहुत बधाई है,
सबको बहुत बधाई है,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है।

मात पिता को सब समझाया,
मैं हूँ लीला करने आया,
जैसा कहु वैसा ही करना,
जगत भलाई है,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है।

कैसा किया है जादू कमाल,
छोटे बन गये लड्डू गोपाल,
देखो अंगूठा चूसते,
मोहनी सूरत बनाई है,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है।

बारिश पड़ रही मूसलाधार,
शेषनाग है सेवा दार,
यमूना जी की बाढ़,
ना जाने कहा समाई है,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है।

जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है,
बहुत बधाई है,
सबको बहुत बधाई है,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है।
 


Janmashtami Vishesh - Jaya Kishori | Jail Mein Prakate Krishna Kanhaiya | Sankirtan

एक समय की बात है, मथुरा में कंस नामक एक अत्याचारी राजा राज्य करता था। कंस को भविष्यवाणी हुई थी कि उसकी मृत्यु एक बालक के हाथों होगी। इस भविष्यवाणी से डरकर, कंस ने अपने सभी पुत्रों को मार डाला। जब कंस के मामा देवकी और वासुदेव का विवाह हुआ, तो कंस ने देवकी को जेल में डाल दिया। कंस ने देवकी और वासुदेव को यह आदेश दिया कि जब भी देवकी को पुत्र हो, तो उसे तुरंत मार डालना। देवकी और वासुदेव भगवान विष्णु के भक्त थे। भगवान विष्णु ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनके पुत्र को बचा लेंगे।
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