येह मन ताको दिजिये सांचा सेवक होय हिंदी मीनिंग Yah Man Tako Dijiye Meaning : Kabir Ke Dohe Ka Hindi Arth/Bhavarth
येह मन ताको दिजिये, सांचा सेवक होय,
सिर उपर आरा सहै, तौ ना दूजा होय।
और
यह मन ताको दीजिये, साँचा सेवक होय |
सिर ऊपर आरा सहै, तऊ न दूजा होय ||
सिर ऊपर आरा सहै, तऊ न दूजा होय ||
Yeh Man Tako Dijiye, Sancha Sevak Hoy,
Sir Upar Aara Sahe, To Na Duja Hoy.
कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning
साधक को अपना हृदय उसको देना चाहिए जो सच्चा सेवक हो, हार्दिक रूप से जो भक्ति के लिए समर्पित हो। अपने सर के ऊपर आरा सहकर भी तब भी वह अपने मत से हटे नहीं, जिसके मन में कोई दूसरा भाव पैदा ना हो। कबीर दास जी इस दोहे में हमें बता रहे हैं कि हमें अपना मन उस व्यक्ति को सौंपना चाहिए जो ईश्वर का सच्चा भक्त है। ऐसा व्यक्ति अपने ईश्वर के प्रति इतना समर्पित होता है कि वह किसी भी परिस्थिति में अपने ईश्वर का साथ नहीं छोड़ता। कबीर दास जी कहते हैं कि यदि हम अपना मन ऐसे व्यक्ति को सौंपते हैं, तो हम कभी भी भटकने नहीं पाएंगे। हम हमेशा ईश्वर की राह पर चलेंगे और हमें मोक्ष मिलेगा। इस दोहे के माध्यम से कबीर दास जी हमें यह संदेश देते हैं कि हमें अपने जीवन में सही मार्गदर्शक का चुनाव करना चाहिए। हमें ऐसे व्यक्ति का अनुसरण करना चाहिए जो हमें ईश्वर के मार्ग पर ले जाए।
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