जुआ हस्तिनापुर में खेल रहे लिरिक्स
जुआ हस्तिनापुर में खेल रहे,
कुंती के पांचों बेटे।
पहली चाल चली शकुनि ने,
वो तो बाग बगीचा हारे,
कुंती के पांचों बेटे,
जुआ हस्तिनापुर में खेल रहे।
दूजी चाल चली शकुनि ने,
वो तो ताल तलैया हारे,
कुंती के पांचों बेटे,
जुआ हस्तिनापुर में खेल रहे।
तीजी चाल चली शकुनि ने,
वो तो कुआं जगतिया हारे,
कुंती के पांचों बेटे,
जुआ हस्तिनापुर में खेल रहे।
चौथी चाल चली शकुनि ने,
वो तो महल अटारी हारे,
कुंती के पांचों बेटे,
जुआ हस्तिनापुर में खेल रहे।
पांचवी चाल चली शकुनि ने,
वो तो नार द्रोपदी हारे,
कुंती के पांचों बेटे,
जुआ हस्तिनापुर में खेल रहे।
छठवीं चाल चली कान्हा ने,
द्रोपदी का चीर बढ़ाया,
कुंती के पांचों बेटे,
जुआ हस्तिनापुर में खेल रहे।
जुआ हस्तिनापुर मैं खेल रहे कुंती के पांचों बेटा
New Bhajan 2023 Lyrics in Hindi