कन्हैया ले चल परली पार लिरिक्स Kanhaiya Le Chal Paralipar Lyrics

गीता एक ऐसा ग्रंथ है जो जीवन के हर क्षेत्र से संबंधित ज्ञान प्रदान करता है। यह ज्ञान मनुष्य को जीवन में सफल होने और सुखी रहने में मदद करता है। गीता का ज्ञान भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दिया था, जब अर्जुन को महाभारत के युद्ध में डर और दुविधा हो रही थी। धर्म: गीता में धर्म को जीवन का आधार बताया गया है। धर्म का अर्थ है कर्तव्य का पालन करना। गीता में कहा गया है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन करते हुए बिना किसी फल की इच्छा के कार्य करना चाहिए। कर्म: गीता में कर्मयोग का सिद्धांत दिया गया है। कर्मयोग के अनुसार, मनुष्य को अपने कर्मों को बिना किसी फल की इच्छा के करना चाहिए। कर्मों के फल का ध्यान करना बंधन का कारण बनता है। मोक्ष: गीता में मोक्ष को जीवन का अंतिम लक्ष्य बताया गया है। मोक्ष का अर्थ है जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति। गीता में कहा गया है कि मनुष्य को अपने कर्मों के द्वारा मोक्ष प्राप्त करना चाहिए।

Naye Bhajano Ke Lyrics

कन्हैया ले चल परली पार लिरिक्स Kanhaiya Le Chal Paralipar Lyrics

कन्हैया ले चल परली पार,
सांवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे मेरी राधा रानी,
अलबेली सरकार।

गुण अवगुण सब तेरे अर्पण,
पाप पुण्य सब तेरे अर्पण,
बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण,
यह जीवन भी तेरे अर्पण,
मैं तेरे चरणो की दासी
मेरे प्राण आधार,
साँवरिया ले चल परली पार।

तेरी आस लगा बैठी हूँ,
लज्जा शील गँवा बैठी हूँ,
मैं अपना आप लूटा बैठी हूँ,
आँखें खूब थका बैठी हूँ,
साँवरिया मैं तेरी रागिनी,
तू मेरा मल्हार,
कन्हैया ले चल परली पार।

जग की कुछ परवाह नहीं है,
सूझती अब कोई राह नहीं है,
तेरे बिना कोई चाह नहीं है,
और बची कोई राह नहीं है,
मेरे प्रीतम, मेरे माझी,
कर दो बेड़ा पार,
सांवरिया ले चल परली पार।

कन्हैया ले चल परली पार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहाँ विराजे मेरी राधा रानी,
अलबेली सरकार।
 


Kanhaiya Le Chal Parli Paar || Govind Bhargav || Superhit Krishna Bhajan || Full Song || 2015

 
श्री कृष्ण को हिंदू धर्म में एक दैवीय व्यक्ति के रूप में पूजा जाता है। उन्हें भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में माना जाता है। कृष्ण जी को उनकी सुंदरता, आकर्षण, साहस, बुद्धि और दया के लिए जाना जाता है। श्री कृष्ण जी को हिंदू धर्म में एक महान भगवान के रूप में माना जाता है। वे एक दयालु और दयालु भगवान हैं जो हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। वे भक्तों के दुख-दर्द को दूर करने और उन्हें सुख-समृद्धि प्रदान करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
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