यह भजन भगवान कृष्ण के जन्म और उनकी लीलाओं का वर्णन करता है। भजन के पहले दो श्लोकों में, कृष्ण के जन्म का वर्णन किया गया है। भजन में कहा गया है कि कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं। उनका जन्म मथुरा के राजा कंस के कारावास में हुआ था। कंस को भविष्यवाणी की गई थी कि उसकी मृत्यु उसकी बहन देवकी के आठवें पुत्र के हाथों होगी। इसलिए, उसने देवकी और उसके पति वासुदेव को जेल में डाल दिया, और उनके सभी बच्चों को मार डाला।
लेकिन जब देवकी के आठवें पुत्र का जन्म हुआ, तो वासुदेव ने उसे सुरक्षित रूप से गोकुल ले गए। उन्होंने उसे नंद और यशोदा के नामक एक दंपति को सौंप दिया, जिन्होंने उसे अपने पुत्र के रूप में पाला। भजन के शेष श्लोकों में, कृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया गया है। भजन में कहा गया है कि कृष्ण ने अपने बचपन में कई चमत्कारी लीलाएं कीं। उन्होंने कई राक्षसों और अत्याचारियों का वध किया। उन्होंने गोकुल के लोगों को कंस के अत्याचार से बचाया।
लेकिन जब देवकी के आठवें पुत्र का जन्म हुआ, तो वासुदेव ने उसे सुरक्षित रूप से गोकुल ले गए। उन्होंने उसे नंद और यशोदा के नामक एक दंपति को सौंप दिया, जिन्होंने उसे अपने पुत्र के रूप में पाला। भजन के शेष श्लोकों में, कृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया गया है। भजन में कहा गया है कि कृष्ण ने अपने बचपन में कई चमत्कारी लीलाएं कीं। उन्होंने कई राक्षसों और अत्याचारियों का वध किया। उन्होंने गोकुल के लोगों को कंस के अत्याचार से बचाया।
कृष्ण घर नन्द के जन्मे जन्माष्टमी भजन लिरिक्स Krishna Ghar Nand Ke Lyrics
कृष्ण घर नन्द के जन्मे,दुलारा हो तो ऐसा हो,
लोग दर्शन चले आये,
सितारा हो तो ऐसा हो।
बकासुर को मसल डाला,
पूतना जान से मारी,
पूतना जान से मारी,
कंस को केश से खिंचा,
खिलाड़ी हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
सितारा हो तो ऐसा हो।
कूद पानी के अंदर से,
नाग को नाथ के लाये,
चरण फण फण पे देकर के,
नचारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
सितारा हो तो ऐसा हो।।
तीर जमुना के जाकर के,
बजाई बांसुरी मोहन,
चली घर छोड़ बृज नारी,
बजाना हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के आए,
सितारा हो तो ऐसा हो।।
रचाई रास कुंजन में,
मनोहर रूप बनकर के,
देव दर्शन चले आए,
दीदारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
सितारा हो तो ऐसा हो।।
गए जब छोड़ गोकुल को,
नहीं फिर लौट कर आये,
सखी रोती रही बन में,
किनारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के आए,
सितारा हो तो ऐसा हो।।
कौरव पांडव रण में,
जीत अर्जुन की करवाये,
बचाई लाज द्रोपती की,
सहारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
सितारा हो तो ऐसा हो।।
पूरी द्वारावती जाकर,
महल सोने के बनवाये,
हजारो रानिया ब्याही,
पसारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के आए,
सितारा हो तो ऐसा हो।।
उतारा भार भूमि का,
सिधारे धाम अपने को,
वो ब्रम्हानंद दुनिया से,
नियारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के आए,
सितारा हो तो ऐसा हो।।
कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,
लोग दर्शन चले आये,
सितारा हो तो ऐसा हो।