कृष्ण जन्मोत्सव, जिसे जन्माष्टमी या श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में भी जाना जाता है, भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव है, जो हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
जन्म उत्सव आपका हम आज मनायेंगे
जन्म उत्सव आपका हम, आज मनायेंगे, झूमेंगे नाचेंगे हम, ख़ुशिया मनायेंगे, की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ द डे, कन्हैया हैप्पी बर्थडे, की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ द डे, कन्हैया हैप्पी बर्थ डे।
चंदन की चौकी पे हम, कान्हा तुम्हे बिठाएंगे, गंगा के पावन जल से, कान्हा तुम्हे नहलाएंगे,
भावो के पुष्पों से हम, कान्हा तुम्हे सजाएंगे, नजर कहीं ना लग जाए, काला टिका लगाएंगे, श्रृंगार बड़ा ही पावन है, लगता ये बड़ा मनभावन है, केसरिया बागा तुम्हे, कान्हा पहनाएंगे। झूमेंगे नाचेंगे हम, खुशियां मनाएंगे, की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ द डे, कन्हैया हैप्पी बर्थडे, की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ द डे, कन्हैया हैप्पी बर्थ डे।
KrishnaJanmashtmiBhajanLyricsHindi
रंगो और गुब्बारों से, हम दरबार सजाएंगे, मेवे और मलाई का, कान्हा केक बनाएंगे, चॉकलेट टॉफियां लाएंगे, खुशियों के दीप जलाएंगे, छोटे छोटे हाथों से, तुम्हे केक खिलाएंगे। झूमेंगे नाचेंगे हम, खुशियां मनाएंगे, की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ द डे, कन्हैया हैप्पी बर्थडे, की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ द डे, कन्हैया हैप्पी बर्थ डे।
स्वर्ग से देवी देव भी, सेलिब्रेशन में आए है, अपने संग में सांवरे, गिफ्ट पैक भी लाए है, उपहार प्रेम का जो लाए, कान्हा के मन को वो भाए, भजनो का एक पुष्प ‘मोहित’, चरणों में चढ़ाएंगे। झूमेंगे नाचेंगे हम, खुशियां मनाएंगे, की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ द डे, कन्हैया हैप्पी बर्थडे, की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ द डे, कन्हैया हैप्पी बर्थ डे।
जन्म उत्सव आपका हम, आज मनायेंगे, झूमेंगे नाचेंगे हम, ख़ुशिया मनायेंगे, की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ द डे, कन्हैया हैप्पी बर्थडे, की हैप्पी रिटर्न्स ऑफ द डे, कन्हैया हैप्पी बर्थ डे।
कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे जन्माष्टमी या कृष्ण जयंती के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। कृष्ण को हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में माना जाता है। उनका जन्म मथुरा के राजा कंस के कारागार में हुआ था। कंस अपनी बहन देवकी और उसके पति वासुदेव से बहुत डरता था क्योंकि एक भविष्यवाणी में कहा गया था कि देवकी के आठवें पुत्र से उसका वध होगा। कंस ने देवकी और वासुदेव को कारागार में डाल दिया और उनके सभी पुत्रों को मार डाला।