मैं वारि जाऊ पितर दादा थारे पे

श्राद्ध एक हिंदू धार्मिक अनुष्ठान है जो मृत पूर्वजों के लिए किया जाता है। श्राद्ध में, वंशज पितरों के लिए भोजन, पानी, और अन्य सामग्री का अर्पण करते हैं। श्राद्ध का उद्देश्य पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करना और उनके आशीर्वाद प्राप्त करना है। श्राद्ध को पितृ पक्ष के दौरान किया जाता है, जो हिंदू कैलेंडर में भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होता है और अश्विन अमावस्या पर समाप्त होता है। पितृ पक्ष को पितृ लोक में पितरों का आगमन माना जाता है। इस अवधि के दौरान, वंशज पितरों के लिए श्राद्ध करके उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।

मैं वारि जाऊ पितर दादा थारे पे लिरिक्स

मेरी नैया लगी है किनारे पे,
मैं वारि जाऊ पितर दादा थारे पे।

पितर दादा मेहर खिला दे,
उजड़ा मेरा संसार वसा दे,
कुछ दया करो महारे पे,
मैं वारि जाऊ पितर दादा थारे पे।

मारे लात ये भैंस दुधारी,
विनती सुन लो दादा हमारी,
या ज़िंदगी तेरे इशारे पे,
मैं वारि जाऊ पितर दादा थारे पे।

पांचो कपड़े रखे तुम्हारे,
बिगड़े काम बनाओ हमारे,
थारी फिरके ध्वजा चुबारे पे,
मैं वारि जाऊ पितर दादा थारे पे।

दूध पूत रोजगार बढ़ाना,
दास राजेंदर पे मेहर बरसाना,
करा दया तू भोली वेचारे पे,
मैं वारि जाऊ पितर दादा थारे पे।
 



मेरी नैया लगी हैं किनारे पे || Raju sharma Dighliya || Latest Haryanvi Bala Ji Song 2019 Mg Records
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