मन मथुरा दिल द्वारिका काया कासी जाणि मीनिंग कबीर के दोहे

मन मथुरा दिल द्वारिका काया कासी जाणि मीनिंग Man Mathura Dil Dwarika Meaning : Kabir ke Dohe Ka hindi Meaning

मन मथुरा दिल द्वारिका, काया कासी जाणि।
दसवाँ द्वारा देहुरा, तामै जोति पिछांणि॥ 

Man Mathura Dil Dwarika Kaya Kasi Jani,
Dasava Dwara Dehura Tame Joti Pichhani.

मन मथुरा दिल द्वारिका काया कासी जाणि मीनिंग Man Mathura Dil Dwarika Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning

कबीर साहेब इस दोहे में साधक को सन्देश देते हैं की तुम व्यर्थ में बाहर मत भटको। मन में मथुरा है, दिल में द्वारिका है। काय को कशी जानो और दशवाँ द्वार ब्रह्म रंध्र ही देवालय है, उसी में परम ज्योति की पहचान करो, परम तत्व यहीं पर ही स्थापित है। आशय है की समस्त तीर्थ हृदय में ही हैं जहाँ पर इश्वर का वास है। कबीर दास मानव शरीर को एक मंदिर के रूप में वर्णित करते हैं। वे कहते हैं कि मन मथुरा है, दिल द्वारिका है, और शरीर काशी है। मथुरा और द्वारिका कृष्ण के दो प्रसिद्ध जन्मस्थान हैं। काशी को हिंदू धर्म में एक पवित्र शहर माना जाता है।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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