मन मथुरा दिल द्वारिका काया कासी मीनिंग Man Mathura Dil Dwarika Meaning Kabir Dohe

मन मथुरा दिल द्वारिका काया कासी मीनिंग Man Mathura Dil Dwarika Meaning Kabir Dohe, Kabir Ke Dohe (Saakhi) Hindi Arth/Hindi Meaning Sahit (कबीर दास जी के दोहे सरल हिंदी मीनिंग/अर्थ में )

 
मन मथुरा दिल द्वारिका, काया कासी जाँणि।
दसवाँ द्वारा देहुरा, तामै जोति पिछाँणि॥

Man Mathura Dil Dwarika, Kaaya Kaasi Jaani,
Dasva Dvara Dehura, Taame Joti Pichhaani.
 
मन मथुरा दिल द्वारिका काया कासी मीनिंग Man Mathura Dil Dwarika Meaning Kabir Dohe

मन मथुरा दिल द्वारिका : मन मथुरा (श्री कृष्ण जी का जन्म स्थान) है और हृदय द्वारिका (जहाँ श्री कृष्ण ने राज किया) है.
काया कासी जाँणि : काया को ही काशी जानो.
दसवाँ द्वारा देहुरा : शरीर का दसवा द्वार (ब्रह्मरंध्र) ही देवालय, मंदिर है.
तामै जोति पिछाँणि : उसमें ज्योति को पहचानों.
मन : चित्त.
मथुरा : मथुरा नगरी.
काया : शरीर.
कासी : काशी
जाँणि : समझो.
दसवाँ द्वारा : दसवा ब्रह्मरंध्र
देहुरा : मंदिर. देवरा.
तामै : उसमें.
जोति : प्रकाश, ईश्वरीय ज्योति.
पिछाँणि : पहचानों.

मन को मथुरा और हृदय को द्वारिका और इस शरीर को ही काशी जानों. यदि इश्वर की पहचान करनी है तो तुम उसी की पहचान करो. तुम बाहर जितने भी तीर्थों के लिए जाते हो वे सभी तुमको तुम्हारे ही हृदय में मिलेंगे. भाव है की अपने चित्त में ही इश्वर के दर्शन करो बाहर कहीं पर भटकने की आवश्यकता नहीं है. हमारे हृदय में ही इश्वर का निवास है. सत्य के आचरण पर चलते हुए हरी के नाम का सुमिरन ही मुक्ति का आधार है.
 
भजन श्रेणी : कबीर के दोहे हिंदी मीनिंग (Read More :Kabir Dohe Hindi Arth Sahit)

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