मन मथुरा दिल द्वारिका काया कासी मीनिंग
मन मथुरा दिल द्वारिका, काया कासी जाँणि।
दसवाँ द्वारा देहुरा, तामै जोति पिछाँणि॥
Man Mathura Dil Dwarika, Kaaya Kaasi Jaani,
Dasva Dvara Dehura, Taame Joti Pichhaani.
मन मथुरा दिल द्वारिका : मन मथुरा (श्री कृष्ण जी का जन्म स्थान) है और हृदय द्वारिका (जहाँ श्री कृष्ण ने राज किया) है.
काया कासी जाँणि : काया को ही काशी जानो.
दसवाँ द्वारा देहुरा : शरीर का दसवा द्वार (ब्रह्मरंध्र) ही देवालय, मंदिर है.
तामै जोति पिछाँणि : उसमें ज्योति को पहचानों.
मन : चित्त.
मथुरा : मथुरा नगरी.
काया : शरीर.
कासी : काशी
जाँणि : समझो.
दसवाँ द्वारा : दसवा ब्रह्मरंध्र
देहुरा : मंदिर. देवरा.
तामै : उसमें.
जोति : प्रकाश, ईश्वरीय ज्योति.
पिछाँणि : पहचानों.
मन को मथुरा और हृदय को द्वारिका और इस शरीर को ही काशी जानों. यदि इश्वर की पहचान करनी है तो तुम उसी की पहचान करो. तुम बाहर जितने भी तीर्थों के लिए जाते हो वे सभी तुमको तुम्हारे ही हृदय में मिलेंगे. भाव है की अपने चित्त में ही इश्वर के दर्शन करो बाहर कहीं पर भटकने की आवश्यकता नहीं है. हमारे हृदय में ही इश्वर का निवास है. सत्य के आचरण पर चलते हुए हरी के नाम का सुमिरन ही मुक्ति का आधार है.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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