बाट सजेने छि आसन लगेने छी लिरिक्स

बाट सजेने छि आसन लगेने छी लिरिक्स

बाट सजेने छि। आसन लगेने छी।
आबु पधारु हे माँ।
बैसल छी भोरे स। कानै छी ओरे स।
कोरा उठाबु है माँ।।
बाट सजेने छी।।।

सबहक बिपदा आहाँ हरै छी।
हम्मर निवेदन किये नै सुनै छी।
कोन गल्ती स आहाँ रसल छी।
देखु न अम्बे हम कतेक कनै छी।
अहि के पूजलौ अहि स पूछै छी।
आहाँ छोइर जेबे हम कहाँ।
बाट सजेने छी।।।।

2 महिमा आहाँ के। केनै जानइये।
घुइर के आबू माँ बेटा कनइये।
ममता मई आहाँ पाथर ने बनियो।
कटते कोना दिन माँ किछु करियो।
कतेक कनाबै छी किये ने आबै छी।
निसठुर नै बनियो आहाँ।
बाट सजेने छी।।।

3 हम नै मँगे छि भरल बखारी।
चाही ने हमरा बंगला आ गाड़ी।
मोन के मंदिर में बॉस करू माँ।
भक्त क पूरन आस करू माँ।
रामेंद्र लिखै ये। प्यासा गबइये।
दरसन देखाबू हे माँ.
बाट सजेने छी। आसन लगेने छी।
आबु पधारु हे माँ।।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं

 
दुर्गा पूजा एस्पेशल भजन. बाट सजेने छी
 
Next Post Previous Post