पितृ पक्ष या पितरपख, १६ दिन की वह अवधि है जिसमें हिन्दू लोग अपने पितरों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं और उनके लिये पिण्डदान करते हैं। इसे 'सोलह श्राद्ध', 'महालय पक्ष', 'अपर पक्ष' आदि नामों से भी जाना जाता है। पितृ पक्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू होता है और आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है। इस दौरान लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, पिण्डदान, तर्पण आदि कर्म करते हैं।
मेरे घर के देवता मेरे भगवान है
मेरे घर के देवता, मेरे भगवान है, मेरे भगवान है, वही मेरी जिंदगी है, वही मेरे प्राण है, मेरे घर के देवता, मेरे भगवान हैं।
मैं रोज सुबह उठकर,
उन्ही का नाम सुमिरता हूँ, पितरों के चरणों में, सदा प्रणाम करता हूँ, पितरों की पूजा में, धरूँ नित ध्यान है, धरूँ नित ध्यान है, वही मेरी जिंदगी है, वही मेरे प्राण है, मेरे घर के देवता, मेरे भगवान हैं।
उनको ही नमन करके, सदा मैं घर से निकलता हूँ, हर काम सफल होते,
Pitar Bhajan Shradh Ke Bhajan Lyrics in Hindi
तभी विश्वास मैं करता हूँ, मेरे मन में उनका, बड़ा सम्मान है, बड़ा सम्मान है, वही मेरी जिंदगी है, वही मेरे प्राण है, मेरे घर के देवता, मेरे भगवान हैं।
मैं जो कुछ भी हूँ आज, ये पितरों की ही कृपा है, कहता है रवि मुझको, उन्होंने सदा संभाला है, मेरे मुख में रहता है,
उनका गुणगान है, उनका गुणगान है, वही मेरी जिंदगी है, वही मेरे प्राण है, मेरे घर के देवता, मेरे भगवान हैं।
मेरे घर के देवता, मेरे भगवान है, मेरे भगवान है, वही मेरी जिंदगी है, वही मेरे प्राण है, मेरे घर के देवता, मेरे भगवान हैं।
मेरे घर के देवता रचयिता :-रवि केजरीवाल || स्वर : प्रवेश शर्मा l Pitar Vandana 2021 Sci Bhajan
पितृ पक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं। पितरों के नाम का स्मरण करना पितरों के लिए श्राद्ध, पिण्डदान, तर्पण आदि करना पितरों के लिए दान-पुण्य करना पितरों के लिए व्रत रखना पितरों के लिए गंगाजल, दूध, फल, फूल, मिठाई आदि अर्पित करना पितरों के लिए पितृ गायत्री मंत्र का जाप करना