वक़्त चाहिए ना मुझको, आराम के लिए, मेरी ज़िंदगी है सिर्फ, मेरे राम के लिए।
वीराने में राम ना भाए, दो दो नैना नीर बहाए, कैसे मन को मनाऊं, विश्राम के लिए, मेरी ज़िंदगी हैं सिर्फ, मेरे राम के लिए।
टूट गये उम्मीदों के धागे, रो रो कटे दिन रैना, राम लला मेरे बेघर बैठे, कैसे मिले अब चैना, लेलो लेलो मेरी जान, करो पर मंदिर का निर्माण, सौ सौ कुर्बनियाँ दो, इस काम के लिए, मेरी ज़िंदगी हैं सिर्फ़, मेरे राम के लिए।
जिसने बनाया सारे जहाँ को, वो बसता घट घट में, आज वही लाचार सा क्यूँ है, क्यूँ चुप है संकट में, आओ आओ वीर बजरंगी, तुम्ही हो श्री राम के संगी, और किसको बुलाऊँ, इंतेज़ाम के लिए, मेरी ज़िंदगी हैं सिर्फ, मेरे राम के लिए।
वक़्त चाहिए ना मुझको, आराम के लिए, मेरी ज़िंदगी है सिर्फ, मेरे राम के लिए, वीराने में राम ना भाए, दो दो नैना नीर बहाए, कैसे मन को मनाऊं, विश्राम के लिए, मेरी ज़िंदगी हैं सिर्फ, मेरे राम के लिए।