मेरी सुनलो मारुति नंदन लिरिक्स Meri Sunlo maruti nandan Lyrics
मेरी सुनलो मारुति नंदन लिरिक्स Meri Sunlo maruti nandan Lyrics
मेरी सुनलो मारुति नंदन,काटो मेरे दुख के बंधन,
हे महावीर बजरंगी,
तुम्हे कहते हैं दुख भंजन।
मुझ पर भी करुणा करना,
मैं आया शरण तुम्हारी
मैं जोड़े हाथ खड़ा हूँ,
तेरे दर का बना भिखारी
तुम सबसे बड़े भंडारी,
मैं पानी तुम हो चंदन,
हे महावीर बजरंगी,
तुम्हे कहते हैं दुख भंजन।
तेरा नाम बड़ा दुनिया में,
सब तेरा ही गुण गाये,
इस जग के सब नर नारी,
चरणों में शीष नवाए,
कर भव से पार मुझे भी,
हे बाबा संकट मोचन,
हे महावीर बजरंगी,
तुम्हे कहते हैं दुख भंजन।
मैंने तेरी आस लगाई,
बाबा हनुमान गुसाई,
जब भीड़ पड़ी भक्तो पे,
तूने ही करी सहाई,
वीरान करे हैं दुहाई,
प्रभु दीजो मोहे दर्शन,
हे महावीर बजरंगी,
तुम्हे कहते हैं दुख भंजन।
मेरी सुनलो मारुति नंदन,
काटो मेरे दुख के बंधन,
हे महावीर बजरंगी,
तुम्हे कहते हैं दुख भंजन।
Meri Sunlo Maruti Nandan Famous Hanuman Bhajan by Abhijit Joshi
यह भजन भगवान हनुमान की स्तुति करता है। भक्त भगवान हनुमान से प्रार्थना करता है कि वे उसके दुखों को दूर करें और उसे अपने आशीर्वाद दें।
पहले दो श्लोकों में, भक्त भगवान हनुमान से अपने दुखों को दूर करने की प्रार्थना करता है। वह भगवान हनुमान को "दुख भंजन" या "दुखों को दूर करने वाला" कहता है।
तीसरे और चौथे श्लोकों में, भक्त भगवान हनुमान की कृपा और दया पर भरोसा व्यक्त करता है। वह भगवान हनुमान को "सबसे बड़े भंडारी" और "चंदन" कहता है, जो सुख और समृद्धि का प्रतीक है।
पांचवें और छठे श्लोकों में, भक्त भगवान हनुमान की महिमा का बखान करता है। वह कहता है कि भगवान हनुमान का नाम दुनिया भर में जाना जाता है और सभी भक्त उनकी पूजा करते हैं।
सातवें और आठवें श्लोकों में, भक्त भगवान हनुमान से अपने दुखों को दूर करने और उसे अपने आशीर्वाद देने की प्रार्थना करता है। वह कहता है कि वह भगवान हनुमान की शरण में आया है और उन्हें अपना भिखारी बनाता है।
नौवें और दसवें श्लोकों में, भक्त भगवान हनुमान से अपने आशीर्वाद देने की प्रार्थना करता है। वह कहता है कि वह भगवान हनुमान पर अपना विश्वास रखता है और उन्हें अपने दर्शन देने के लिए कहता है।
अंतिम श्लोक में, भक्त फिर से भगवान हनुमान से अपने दुखों को दूर करने की प्रार्थना करता है। वह भगवान हनुमान को "मरुति नंदन" या "लक्ष्मण के पुत्र" कहता है।
इस भजन का संदेश यह है कि भगवान हनुमान एक दयालु और दयालु देवता हैं जो अपने भक्तों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। भक्तों को केवल भगवान हनुमान पर अपना विश्वास रखना चाहिए और उनकी शरण लेनी चाहिए।
पहले दो श्लोकों में, भक्त भगवान हनुमान से अपने दुखों को दूर करने की प्रार्थना करता है। वह भगवान हनुमान को "दुख भंजन" या "दुखों को दूर करने वाला" कहता है।
तीसरे और चौथे श्लोकों में, भक्त भगवान हनुमान की कृपा और दया पर भरोसा व्यक्त करता है। वह भगवान हनुमान को "सबसे बड़े भंडारी" और "चंदन" कहता है, जो सुख और समृद्धि का प्रतीक है।
पांचवें और छठे श्लोकों में, भक्त भगवान हनुमान की महिमा का बखान करता है। वह कहता है कि भगवान हनुमान का नाम दुनिया भर में जाना जाता है और सभी भक्त उनकी पूजा करते हैं।
सातवें और आठवें श्लोकों में, भक्त भगवान हनुमान से अपने दुखों को दूर करने और उसे अपने आशीर्वाद देने की प्रार्थना करता है। वह कहता है कि वह भगवान हनुमान की शरण में आया है और उन्हें अपना भिखारी बनाता है।
नौवें और दसवें श्लोकों में, भक्त भगवान हनुमान से अपने आशीर्वाद देने की प्रार्थना करता है। वह कहता है कि वह भगवान हनुमान पर अपना विश्वास रखता है और उन्हें अपने दर्शन देने के लिए कहता है।
अंतिम श्लोक में, भक्त फिर से भगवान हनुमान से अपने दुखों को दूर करने की प्रार्थना करता है। वह भगवान हनुमान को "मरुति नंदन" या "लक्ष्मण के पुत्र" कहता है।
इस भजन का संदेश यह है कि भगवान हनुमान एक दयालु और दयालु देवता हैं जो अपने भक्तों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। भक्तों को केवल भगवान हनुमान पर अपना विश्वास रखना चाहिए और उनकी शरण लेनी चाहिए।