नैना लड़ गए श्याम सलोने से

नैना लड़ गए श्याम सलोने से

नैना लड़ गए श्याम सलोने से,
नैना लड़ गए श्याम सलोने से,
नैना लड़ गए,
हां जी नैना लड़ गए,
हम्बे नैना लड़ गए,
नैना लड़ गए श्याम सलोने से,
नैना लड़ गए।

दिन नहीं चैन,
रात नहीं निन्दिया,
रात नहीं निंदिया,
रात नहीं निंदिया,
नई प्रीत के होने से लाला,
नैना लड़ गए,
नैना लड़ गए श्याम सलोने से,
नैना लड़ गए।

मेरी उनकी प्रीत पुरानी,
मेरी उनकी प्रीत पुरानी,
प्रीत पुरानी प्रीत पुरानी,
जबसे से आई मैं गोने से,
नैना लड़ गए,
नैना लड़ गए श्याम सलोने से,
नैना लड़ गए।

ऐरी यापे तन मन वारुं,
ऐरी यापे तन मन वारुं,
तन मन वारुं तन मन वारुं,
नन्द बाबा के छौने पे,
नैना लड़ गए,
नैना लड़ गए श्याम सलोने से,
नैना लड़ गए,
नैना लड़ गए श्याम सलोने से,
नैना लड़ गए,
हाँ जी नैना लड़ गए,
हम्बे नैना लड़ गए,
नैना लड़ गए श्याम सलोने से,
नैना लड़ गए।
 


Sadhvi Purnima Didi Ji Bhajan - नैना लड़ गए सांवरे सलोने से(Naina Lad Gaye Saaware Salone Se) #Bhajan

कृष्ण और राधा का प्रेम हिंदू धर्म की सबसे प्रसिद्ध प्रेम कहानियों में से एक है। यह प्रेम कहानी वृंदावन में घटित होती है, जहां कृष्ण अपनी माँ यशोदा और चाचा नंद के साथ रहते थे। राधा भी वृंदावन की रहने वाली थीं और कृष्ण की बालसखी थीं। कृष्ण और राधा दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। कृष्ण राधा को रिझाने के लिए कई तरह के उपाय करते थे। वह अपनी मुरली बजाकर राधा को मोह लेते थे। वह राधा के लिए कविताएँ और गीत लिखते थे। वह राधा के साथ खेलते थे और उसे हंसाते थे।
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