पितर पधारो म्हारे आंगणिया

पितृ पक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूरे विधि-विधान से अनुष्ठान किए जाते हैं। इन अनुष्ठानों को श्राद्ध कहा जाता है। श्राद्ध में पितरों को तर्पण, पिंडदान, भोजन, दान आदि दिया जाता है। इन अनुष्ठानों से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।

पितर पधारो म्हारे आंगणिया लिरिक्स

थार पग पग फुलडा बिछावे म्हारी माई,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया।

कपिला गाय को गोबर मँगावा,
जा बिच अँगणा लेप करास्या,
यो तो मोतियन चौक पुराव म्हारी माई,
पितर पधारो म्हारे आँगणिया।

गंगा जी से जल मँगवास्या,
पितरा न स्नान करास्या,
थन पाँचो ही कपड़ा,
पहराव थारी माय,
पितर पधारो म्हारे आँगणिया।

कपिला गाय को दुध मँगवास्या,
उजली उजली खीर बनवास्या,
थार भोग त लगाव,
देख थारी थारी माय,
पितर पधारो म्हारे आँगणिया।

धन चौदस की रात जगास्या,
पितरा न पाट बैठास्या,
थाक भजन कराव देखो,
थाकी थाकी माय,
पितर पधारो म्हारे आँगणिया।

थार पग पग फुलडा,
बिछावे म्हारी माई,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया।
 


पितर देव भजन पितर पधारो म्हारे आँगणिया पितरदेव भजन ,by nama music
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